
-संघ की शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में गोष्ठी में महिला वक्ताओं ने नारी महती भूमिका एवं आवश्यकता पर डाला प्रकाश
नागौर. संघ की शताब्दी वर्ष के अवसर पर सप्तशक्ति संगम कार्यक्रम की शृंखला में मंगलवार को शारदा बालिका निकेतन विद्यालय के सभागार में हुई महिलाओं की गोष्ठी में परिवार संस्कार, शिक्षा, कुटुंब व्यवस्था एवं राष्ट्र निर्माण में नारी की भूमिका को लेकर मंथन किया गया। कार्यक्रम में निदेशालय माध्यमिक शिक्षा बीकानेर की संयुक्त निदेशक वीणा सोलंकी ने कहा कि समाज के बिना परिवार और परिवार के बिना संस्कार संभव नहीं हैं। उन्होंने कहा कि चार आश्रमों में गृहस्थ आश्रम सबसे कठिन है, और इसी में आने वाली पीढ़ी को अच्छे संस्कारों के साथ देश के लिए तैयार करने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने मनु स्मृति का उल्लेख करते हुए कहा कि पति-पत्नी एक गाड़ी के दो पहिये हैं, और परिवार में सभी सदस्य सामथ्र्य अनुसार सहयोग करते हैं। वर्तमान समय में परिवारों में सामाजिक शिक्षा की कमी महसूस हो रही है। जिसे सुधारना आज की मातृशक्ति की जिम्मेदारी है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अनीता बागड़ी ने कहा कि माताएं अपने बच्चों की योग्यता और रुचि के अनुसार उनका मार्गदर्शन करें। उन्होंने कहा कि बच्चों की उन्नति में माता की भूमिका सबसे प्रमुख है और बालिकाओं को शिक्षा के साथ संस्कार देना आज अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता विद्या भारती की अखिल भारतीय बालिका सहसंयोजिका प्रमिला शर्मा ने सप्तशक्ति संगम की अवधारणा पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत गीता में लिखा है कि स्त्री में लक्ष्मी का वास होता है, और उनमें सात प्रकार की शक्तियाँ विद्यमान रहती हैं। शर्मा ने कहा कि भारतीय दर्शन, परंपरा और व्यवहारिक ज्ञान को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का कार्य मातृशक्ति ही कर सकती है। उन्होंने तुलसी के पत्ते को रात्रि में न तोडऩे, गाय को रोटी देने जैसी भारतीय परंपराओं के पीछे छिपे वैज्ञानिक व सांस्कृतिक महत्व को भी समझाया। उन्होंने कहा कि शुद्ध सात्विक भोजनए मधुर व्यवहार और संयुक्त परिवार भारतीय समाज की रीढ़ रहे हैं। इन मूल्यों को आगे बढ़ाने में नारी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके पूर्व विभाग संयोजिका कमला चारण ने अतिथियों का स्वागत किया, और सोहन कौर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन आचार्य मीनाक्षी शर्मा ने व प्रस्तावना पल्लवी गहलोत ने प्रस्तुत की। सीमा मिश्रा ने संकल्प करवाया। कार्यक्रम में सामाजिक कार्यों में योगदान के लिए मीरा गारु और मोनिका को सम्मानित किया गया। इस दौरान बसंती राठी, सविता राजवंशी, संतोष बोहरा, भंवरी देवी चौधरी, संगीता चौधरी, कविता कट्टा, गीता भाटी, हिमांशी टाक, सुरभि डोसी, अंजू मारू, मोना व्यास, अरुणा दहिया एवं ममता शर्मा आदि मौजूद थीं।
Published on:
19 Nov 2025 09:49 pm
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