यहां पर घर बनाकर अफसोस हो रहा है। आने-जाने तक के लिए रास्ता नहीं मिल पा रहा है। यहां पर गंदगी के साथ ही पक्की सडक़ का भी अभाव है। यह काफी अफसोसजनक स्थिति है कि हमारी सुनवाई ही नहीं हो रही।
उमरदान चारण, स्थानीय निवासी
सीवरेज की लाइन पूरी डाली नहीं गई है। इसके साथ ही यह मुख्य मार्ग से दो फीट ऊंचा बना दिया गया है। अब इसका गंदा पानी पूरे रास्ते पर बहता रहता है। इसकी फोटो तक खींचकर अधिकारियों को दिखाई, फिर भी समस्या नहीं सुलझी
ओमप्रकाश चौधरी, स्थानीय निवासी
नगरपरिषद को मौके पर खुद आकर देखना चाहिए कि इस क्षेत्र का क्या हाल है। इस पूरे एरिया की हालत बेहद खराब है। लोगों को आने-जाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। अधिकारी सुनते ही नहीं हैं।
बस्तीराम मुडेल, स्थानीय निवासी
इस कॉलोनी में आने-जाने के लिए एक निर्धारित मापदण्ड के तहत रास्ता मिलना चाहिए, लेकिन मिला नहीं। दो रास्ते जरूर हैं, लेकिन इनकी हालत बेहद खराब है।
भगवतीदेवी, स्थानीय निवासी
शहर के इस क्षेत्र में रहते हुए भी हमें लग रहा है कि हम शहर में रहते ही नहीं हैं। रास्तों को व्यवस्थित करने के साथ ही सफाई आदि की समस्या को लेकर कई बार नगरपरिषद गए, लेकिन केवल आश्वासन मिला।
सरिता, स्थानीय निवासी
पार्षद बोले…
नागौर का इस समय कोई धणी धोरी कौन है, कुछ समझ में नहीं आ रहा है। प्रदेश में भाजपा की सरकार है, फिर भी भाजपा पार्षद की ही सुनवाई नहीं हो रही है। पूरे वार्ड की हालत खराब है। समस्याओं की भरमार है, लेकिन जिम्मेदार तो सुन ही नहीं रहे।
मनीष कच्छावा, क्षेत्रीय पार्षद