
-जिले में कुचेरा, तरनाऊ, बासनी, नावां, चोसला, परबतसर, डीडवाना, मूण्डवा में कई जगहों पर बर्फ के गोलों की चादर बिछी
नागौर. जिले में कई दिनों से गर्मी माह रहे चल रहे लोगों को शनिवार को राहत मिली। दोपहर बाद अचानक बदल गया। तेज हवाएं चलने के साथ आसमान पर बादल छा गए। थोड़ी ही देर में चल चल रही तेज हवाएं आंधी में बदल गई। इसके साथ शुरू हुई बूंदाबांदी रिमझिम बारिश में बदल गई। इस दौरान ओले भी कई जगह गिरे। इससे कुचेरा, तरनाऊ, बासनी, नावां, चोसला, परबतसर, डीडवाना, मूण्डवा में कई जगहों पर बर्फ के गोलों की चादर बिछी नजर आई। आंधी व बारिश के चलते कई जगहों पर पेड़ों की शाखाएं भी टूटी, और बिजली के तार भी उखड़ गए। तापमान का पारा भी दो डिग्री नीचे गिरा रहा।
कई दिनों से गर्मी से तप रहे जिले केा शनिवार का दिन राहत भरा रहा। सुबह तेज गर्मी में सूरज जहां आग का गोला बना रहा, वहीं सडक़ों पर भी चहल-पहल कम रही। दोपहर में करीब ढाई बजे से अचानक मौसम बदला नजर आया। तेज हवाओं के साथ आसमान पर छाए बादलों के साथ हुई रिमझिम बारिश शुरू हुई तो करीब आधे घंटे तक बूंदे गिरती रही। इसके साथ अंडाकार में ओले भी गिरते। इससे सडक़ों पर कई स्थानों पर बर्फ के गोलों की चादर बिछी रही। इस दौरान आंधी में बदली तेज हवाओं ने अपना उग्र रूप दिखाया तो कई जगहों पर बिजली के तार लटके टूटे नजर आए। बारिश के चलते सडक़ें पानी से तरबतर रही। शाम को करीब पांच बजे का दृश्य रात में बदला नजर आया। गाडिय़ों की हेडलाइट्स लोगों को जलानी पड़ी। बारिश से से रेलवे स्टेशन रोड, कलक्ट्रेट, नया दरवाजा, काठडिय़ा का चौक, बाठडिय़ा का चौक, गांधी चौक, दिल्ली दरवाजा एवं मानासर चौराहा के साथ मूण्डवा चौराहा और विजयबल्लभ चौराहा में कई जगह पानी भरा रहा।
तापमान गिरा
बारिश के साथ गिरे ओलों के चलते तापमान का पारा भी लुढक़ा रहा। सामान्यत: पिछले कई दिनों से शाम को सात बजे तक पारा करीब 38 डिग्री सेल्सियस तापमान रहता था, लेकिन बारिश के बाद पारा दो डिग्री नीचे गिर गया। शाम को छह बजे तापमान का पारा 36 डिग्री सेल्सियस रहा। सुबह 11 बजे ही तापमान का पारा 30 डिग्री सेल्सियस पार कर गया था। दोपहर में करीब डेढ़ बजे तक तापमान का पारा 38 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। इसके बाद बदले मौसम के चलते तापमान का पारा नीचे गिरा तो मौसम में उमस से परेशानों को राहत मिली।
कृषि के लिए फायदेमंद
रिमझिम बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों का मौसम भी बदला रहा। काश्तकारों को लंबे समय के बाद गर्मी से राहत मिली। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक हरीश मेहरा का कहना है कि खेती की तैयारियों में लगे काश्तकारों के लिए यह बारिश बढिय़ा साबित होगी। इसमें कठोर हुई मिट्टियां नम होने से उनको जोताई करने में सहजता होगी। चारा फसलों के लिए बारिश बेहतर संजीवनी साबित होगी।
Published on:
03 May 2025 10:48 pm
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