
Nagaur News: युवा हो या बुजुर्ग, हनी ट्रेप का शिकार हो रहे हैं। ब्लैकमेलिंग ज्यादा बढ़ने पर ये पुलिस के पास तो पहुंचते हैं पर एफआईआर दर्ज कराने से मना कर देते हैं। केवल यही कहते हैं कि ऊपरी तौर पर ही समझा-बुझाकर पीछा छुड़ा दिया जाए। पुलिस के बार-बार कहने पर ये मामला दर्ज कराने से बचते हैं। बदनामी का डर उन्हें एफआईआर दर्ज कराने से रोक रहा है। इन दिनों फर्जी लड़की बनकर चैट के जरिए भी लोगों को फंसाना शुरू हो गया है। कई मामले तो पुलिस तक भी नहीं पहुंचते।
पुलिस तक वे मामले ही पहुंच पाते हैं जिसमें लोग ब्लेकमैलिंग से बहुत ज्यादा परेशान हो जाते हैं। हाल ही एक ऐसा मामला नागौर पुलिस के सामने आया। पेशे से प्राइवेट नौकर को दूर शहर की एक युवती व उसके साथी ब्लेकमैल कर बड़ी रकम की डिमाण्ड कर रहे हैं और नहीं देने पर बलात्कार के आरोप में फंसाने की धमकी देते हैं। आए दिन फोन से परेशान होकर वो पुलिस के पास पहुंचा और आपबीती सुना भी दी पर एफआईआर/परिवाद दर्ज नहीं कराने की बात पर अड़ा हुआ है। और तो और अब पुलिस उसे इसके लिए बुला रही है पर वो आ नहीं रहा।
सूत्र बताते हैं कि मोबाइल ही नहीं अन्य माध्यम से शिकार तलाशे जा रहे हैं। अब नागौर में भी इस तरह का चलन बढ़ गया है। व्हाट्सऐप/फेसबुक समेत अन्य सोशल साइट के जरिए युवती का फर्जी प्रोफाइल बनाया जाता है, इसके बाद अश्लील चैटिंग के जरिए युवा ही नहीं बुजुर्ग तक को फंसाया जा रहा है। बाद में अलग-अलग नम्बरों से चैट/फोटो अथवा बातचीत को वायरल करने की धमकी देकर रकम ऐंठी जा रही है। कई ऐसे पीड़ित भी पुलिस के पास पहुंचे पर रिपोर्ट देने के झंझट से बचते दिखे। इनमे कई तो ऐसे थे जिन्होंने मांगने पर ऑनलाइन पैसे भी ट्रांसफर किए।
केस-1
पेशे से ड्राइवर, दूर शहर में रहने वाली विवाहिता से जानकार ने सम्पर्क कराया। अब विवाहिता ब्लैकमेल कर मांग रही है बड़ी रकम। पुलिस के पास मदद के लिए पहुंचा पर जब एफआईआर दर्ज कराने की बात कही तब से नहीं आ रहा थाने।
केस-2
कुछ समय पहले एक बुजुर्ग के पास आया वीडियो कॉल, कॉल करने वाली युवती ने न्यूड फोटो बनाए और मांगने लगी पैसे। तत्कालीन सीओ से मदद मांगी पर नहीं दर्ज कराई एफआईआर।
केस-3
शहर के एक कारोबारी के मोबाइल नंबर लेकर किसी युवती ने उससे चेट शुरू कर दी। अश्लील संवाद के बाद वीडियो कॉलिंग और अश्लील फोटो के आदान-प्रदान के बाद अब उसे ब्लेकमैल किया जा रहा है।
दो लाख से अधिक दे दिए फिर...
कुछ समय पहले सरकारी नौकरी से रिटायर नागौर के एक बुजुर्ग भी मदद के लिए पुलिस के पास पहुंचे। बिना रिपोर्ट दर्ज कराए एक अधिकारी को इन्होंने बताया कि एक महिला से सम्पर्क हुआ, एक-दो बार मुलाकात भी हुई। अब वो डरा-धमका रही है, अब तक दो लाख से अधिक रुपए ले चुकी है। अब बलात्कार के मामले में फंसाने की धमकी दे रही है। इस पर ऊपरी स्तर पर जैसे-तैसे मामला रफा-दफा हुआ।
मोटी कमाई का जरिया बनाया
साइबर समेत अन्य थाने तक ये मामले पहुंच रहे हैं । कुछ पीड़ित सिर्फ वरिष्ठ अधिकारियों से ही बात कर अपनी पीड़ा बता रहे हैं। कुछ युवती/महिला समेत अन्य बदमाशों ने इस तरह के गिरोह बना लिए हैं जो नागौर में हनी ट्रेप अथवा अन्य मामले में फंसाने के चलते मोटी कमाई कर रहे हैं। बदनामी के डर से कोई भी छोटी-मोटी रकम तो तुरंत ही दे रहा है, मामला बढ़ने पर पुलिस के पास जाते भी हैं पर स्वयं की बदनामी के डर से मामला दर्ज कराने से बचते हैं।
बात यहीं खत्म नहीं होती, अलाय में एक छात्रा के साथ उसी स्कूल के अध्यापक के अश्लील वीडियो वायरल हुए। अध्यापक की एप्रोच के चलते मामला रफा-दफा हो गया, इसके बावजूद कई बदमाशों ने इन फोटो के जरिए ही उगाही कर डाली। पुलिस खुद मानती है कि किसी प्रेम प्रसंग के अश्लील फोटो/वीडियो वायरल होते ही ऐसे लोगों को कमाई का मौका मिल जाता है। कई लोग बदनामी के डर से इनके हत्थे चढ़ जाते हैं।
सूत्रों का कहना है कि नागौर जिले में अभी तक आधा दर्जन पीड़ितों ने ही थाने में एफआईआर दर्ज कराई जबकि शिकायत देकर राहत पाने वालों की संख्या काफी है। झूठे झांसे में पहले तो लोग फंस जाते हैं फिर जब डरा-धमका कर वसूली शुरू होती है तब पुलिस के पास पहुंचते हैं । इसमें भी बदनामी के डर से रिपोर्ट दर्ज नहीं कराते।
इनका ये कहना
इस तरह के गिरोह पनप रहे हैं। वीडियो कॉलिंग समेत अन्य तरीकों से व्यक्ति को पहले फंसाते हैं फिर ब्लेकमैलिंग करना शुरू कर देते हैं। बदनामी के डर से बहुत कम लोग ही पुलिस में रिपोर्ट देते हैं, इसके चलते ही बदमाशों के हौसले बढ़ रहे हैं। वीडियो कॉलिंग के साथ झूठे झांसे से बचें, पुलिस को तुरंत जानकारी दें।
- नारायण टोगस, एसपी, नागौर
Published on:
05 Apr 2024 04:34 pm
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