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Nagaur patrika…नंद के आनंद भयो’… जयकारों से गूंजा नागौर…VIDEO

नागौर. शहर में जन्माष्टमी पर्व इस बार भक्ति, उल्लास और परंपरा के रंगों में सराबोर रहा। गोपीनाथ मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं पर आधारित आकर्षक झांकियां सजाई गईं, तो वहीं बंसी वाला मंदिर में आधी रात को जैसे ही गर्भगृह का पर्दा हटा, श्रद्धालुओं ने शंखध्वनि और जयघोष के साथ कान्हा के दर्शन किए। […]

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नागौर. शहर में जन्माष्टमी पर्व इस बार भक्ति, उल्लास और परंपरा के रंगों में सराबोर रहा। गोपीनाथ मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं पर आधारित आकर्षक झांकियां सजाई गईं, तो वहीं बंसी वाला मंदिर में आधी रात को जैसे ही गर्भगृह का पर्दा हटा, श्रद्धालुओं ने शंखध्वनि और जयघोष के साथ कान्हा के दर्शन किए। इसके साथ ही शहर के प्रमुख मंदिरों में कीर्तन, रात्रि जागरण, भजन संध्या, और झांकियों का आयोजन हुआ। भगवान का दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। बच्चों ने भी झांकियों के माध्यम से श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को निकट से देखा और कान्हा के प्रति श्रद्धामय नजर आए।
गोपीनाथ मंदिर में भव्य झांकियां बनीं आकर्षण का केंद्र
गोपीनाथ मंदिर में सजाई गई झांकियों ने श्रद्धालुओं को कृष्ण की लीलाओं की ओर खींच लिया। माखन चोरी, कालिय नाग मर्दन, गोकुल का उत्सव, गीता उपदेश और रासलीला जैसे प्रसंगों को जीवंत रूप में दर्शाया गया। मंदिर की विशेष सजावट, दीपमालाएं और पारंपरिक वाद्य यंत्रों की ध्वनि से वातावरण पूरी तरह कृष्णमय बना रहा।
बंसी वाला मंदिर में आधी रात को हुए दिव्य दर्शन
शहर के बीचोंबीच स्थित बंसी वाला मंदिर में जन्माष्टमी का आयोजन विशेष भक्ति और श्रद्धा के साथ हुआ। जैसे ही रात 12 बजकर १० मिनट का समय हुआ, मंदिर का पर्दा हटाया गया और भक्तों को नंदलाल के दर्शन प्राप्त हुए। ‘कृष्ण कन्हैया लाल की जय’ के उद्घोषों के बीच पूजन और आरती की गई। श्रद्धालुओं ने माखन मिश्री, तुलसी पत्र और फूलों से कान्हा का पूजन किया। इसके बाद हुई महाआरती में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। इस दौरान भक्तों ने एक से बढक़र एक भजन प्रस्तुत किए। शहर के नया दरवाजा स्थित हनुमान मंदिर में भी विविध कार्यक्रम हुए। श्रद्धालुओं ने भजनों की प्रस्तुतियां दी। इसी तरह रघुनाथ मंदिरमंदिर परिसर को फूलों, बंदनवारों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया था।
महिलाएं और बच्चे बने आयोजन की जान
जन्माष्टमी पर महिलाओं और युवतियों की भारी भीड़ रही। परंपरागत पोशाकों में सजी महिलाएं कान्हा के दर्शन को मंदिरों में पहुंचीं। कई मंदिरों में राधा-कृष्ण वेशभूषा में सजाए गए बच्चों की झांकी प्रस्तुत की गई, जिन्होंने सभी का मन मोह लिया। बच्चों ने माखनचोर के रूप में झांकी में भाग लेकर बाल कृष्ण की लीलाओं को जीवंत कर दिया।
नागौर बना कृष्णमय, हर गली से गूंजे जयकारे
शहर भर के मंदिरों में जन्माष्टमी पर्व के दौरान सजी झांकियों के साथ हुए कार्यक्रमों से शहर पूरी तरह भगवान कृष्ण के रंग में रंगा रहा। मंदिरों की घंटियों, शंखध्वनि और भजनों की गूंज से माहौल आध्यात्मिक बना रहा। हर मोहल्ले में झांकियों और सजावटों से त्योहार की चमक स्पष्ट नजर आई।