
Nagaur will be transformed into Ayodhya on Shri Ram Janmabhoomi Mandir Pran Pratistha Day, temples, cities and intersections will be decorated.
-बैठक में श्रीराम जन्म भूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम दिवस को यादगार बनाए जाने की तैयारियों पर की गई चर्चा
-प्रतिष्ठा दिवस पर मंदिरों, ग्राम्य, शहरी क्षेत्रों में किए जाएंगे विविध कार्यक्रम
नागौर. श्रीराम जन्म भूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को अयोध्या में होगा। इसको ध्यान में रखते हुए विश्व हिंदू परिषद सहित अन्य संगठनों ने इस मौके को यादगार बनाए जाने की तैयारियां शुरू कर दी है। इसके लिए 22 जनवरी तक विविध कार्यक्रमों के आयोजन किए जाएंगे। इसको लेकर विहिप, संत एवं मंदिरों के प्रमुखों की बैठक रविवार को सैनिक बस्ती स्थित विश्वकर्मा भवन में हुई। इसमें कार्यक्रमों की शृंखला में जनवरी से हार्डिंग व बैनर लगाने का अभियान, प्रत्येक ग्राम में 7 दिन तक लगातार प्रभात फेरी निकालना, प्रत्येक मंदिर के माईक से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की सूचना का प्रसारण, प्रत्येक मंदिर में प्रतिदिन स्वच्छता अभियान चलाना, प्रत्येक मंदिर में लाईट डेकोरेशन, बाजारों में साज सज्जा की योजना, प्रत्येक ग्राम या बस्ती में शोभायात्रा,कलश यात्रा की योजना, प्रत्येक गांव व मंदिर अयोध्या बनें, मंदिर में एकत्रित होना, कार्यक्रम लाईव देखना, आरती करना, प्रसाद वितरण की व्यवस्था करना आदि कार्यक्रमों पर चर्चा कर इनका निर्धारण किया गया। इसके साथ ही यह भी तय किया गया कि इस दिन यानि की 22 जनवरी को प्रत्येक मंदिर के साथ सर्वसुलभ सार्वजनिक स्थानों पर रोशनी करने के साथ ही दीपमालाएं भी सजाई जाएगी। ताकि नागौर में भी अयोध्या सरीखा माहौल ही नजर आए।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जोधपुर प्रांत प्रचारक योगेंद्र कुमार ने कहा लगभग पांच सौ वर्षों के संघर्ष के साथ ही चार लाख श्रद्धालुओं का बलिदान करने के पश्चात यह शुभ अवसर प्राप्त हुआ है। पौने चार लाख गांवों में 1988 में हुए रामशिला पूजन, 1990 की कार सेवा व 1992 की कार सेवा आदि करने के बाद अब अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। उन्-होंने कहा कि राम इस देश की आत्मा है। इसलिए प्रत्येक परिवार से सहयोग लेने के भाव से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के माध्यम से समर्पण निधि का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें ं 10 से लेकर 10 करोड़ तक का सहयोग श्रद्धालुओं ने किया। जोधपुर प्रांत में इसके लिए 220 करोड़ की राशि समर्पित की गई। अब इस कार्यक्रम के लिए छह लाख गांवों में श्रद्धालुओं के प्रत्येक परिवार को इसका आमंत्रण दिया गया। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को दीपावली सरीखा दृश्य नजर आना चाहिए। इसके लिए आस्था भाव से इस दिन प्रत्येक मंदिर में कार्यक्रम का आयोजन करना है। इसके लिए तैयारियां पहले ही कर लेनी चाहिए। शहर एवं ग्राम के प्रमुख स्थानों एवं सार्वजनिक स्थानों पर कई जगह आकर्षक रोशनी करने के साथ ही दीपमालाएं सजाई जाएंगी तो 22 जनवरी को यह जिला भी अयोध्या बना नजर आएगा। संत जानकीदास महाराज ने कहा कि श्रीराम हमारी ही नहीं, बल्कि जन-जन की आस्था के केन्द्र हैं। इसका अहसास कराना होगा। उन्होंने कहा कि शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर भगवान श्रीराम की गूंज होनी चाहिए। इस दिन कोई भी मंदिर कार्यक्रमों से अछूता नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या जाने की जगह यह कार्यक्रम करना है। पांच सौ सालों के बाद यह ऐतिहासिक अवसर आया है। इस पीढ़ी के लिए यह बेहद स्थिति है। इसके लिए हुए बलिदान को याद कर समाज को गौरवान्ति करने का यह अवसर मिला है। इसलिए इसमें समाज के सभी लोगों को सहभागिता अनिवार्य रूप से करनी चाहिए। इसके पूर्व भगवान श्रीराम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। कार्यक्रम के समापन पर श्रीराम स्तुति की गई। विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष रामेश्वर सारस्वत ने अतिथियों के प्रति आभार जताते हुए कार्यक्रमों के अनिवार्य रूप से आयोजन पर बल दिया। संचालन विहिप के जिलामंत्री मेघराज राव ने किया।
बख्तासागर में 11 हजार दीपकों से सजेगी दीपमाला
लघु उद्योग भारती के प्रांतीय उपाध्यक्ष भोजराज सारस्वत ने बताया कि 22 जनवरी को बख्तासागर तालाब के पास लघु उद्योग भारती की ओर से 11 हजार दीपक जलाएंगे। तालाब के आसपास के सभी स्थानों पर विविध प्रकारों में सजी दीपमालाओं से प्रभु श्रीराम का वंदन किया जाएगा।
Published on:
07 Jan 2024 09:51 pm
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