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अब पशुओं को पेयजल नहीं भटकना पड़ता

Nagaur. भटकते पशुओं की प्यास बुझाना ही अपना ध्येय बना लिया

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Now the animals do not have to wander for drinking water

Now the animals do not have to wander for drinking water

नागौर. चिलचिलाती व कड़ी धूप की तपिश से मार जहां हर कोई परेशान है, वहीं कंवलीसर गांव के हनुमानराम पूनिया ने प्यास के लिए भटकते पशुओं की प्यास बुझाना ही अपना ध्येय बना लिया। पूनिया पिछले तीन सालों से गर्मी आते ही सक्रिय हो जाते हैं। खेलियों में टेंकरों के माध्यम से पानी डालते रहते हैं। अधिकाधिक पशुओं को लाभ पहुंचाने की नीयत से दानदाताओं से भी सहयोग लिया गया। गांव के शिक्षक रामनिवास बिश्नोई बताते हैं कि पूनिया का जुनून है कि एक भी पशु प्यास से भटके नहीं। इसलिए गर्मी से बेपरवाह वह खुद ही कंवलीसर से आठ किलोमीटर दूर जाकर जोधियासी से टेंकर में पानी भरकर लाना इनके दैनिक जीवन का अहम हिस्सा बन गया है। इनके नेक उद्देश्य को देखते हुए भामाशाहों ने भी इनका सहयोग करना शुरू कर दिया। परिणाम स्वरूप ज्यादा पशुओं को भी इसका लाभ मिलने लगा। यही नहीं, ग्रामीणों की ओर से कई बार वर्षा से संचित जल भी इस कार्य के लिए उपलब्ध कराए जाने का काम भी शुरू कर दिया गया। नतीजतन अब पशुओं को पानी पीने के लिए भटकना नहीं पड़ता है।
पौधरोपण के साथ देखभाल का संकल्प
नागौर. फिड़ौद के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में युवाओं ने अभियान के तहत पौधरोपण किया। अब तक 251 पौधे लगाए जा चुके हैं। पौधरोपण करने के साथ ही इस दौरान युवाओं ने इसकी महत्ता समझाई। इसके साथ ही इनकी देखभाल का भी संकल्प लिया गया। इसमें रिक्षपाल सिरोही, अनिल भाकल, नेमीचंद, सुरेन्द्र सेन, नरेश, आशाराम, दामोदर एवं हनुमान आदि मौजूद थे।