
जिला मुख्यालय स्थित टीबी अस्पताल में सीबी नॉट मशीन लगने से मरीजों को जांच करवाने में बड़ी राहत मिली है। पूर्व में टीबी के मरीज को सीबी नॉट जांच करवाने के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था, अब यह जांच रिपोर्ट सिर्फ दो घंटे में हो जाती है। इससे मरीजों को बेहद लाभ हुआ है। जानकारों का कहना है कि समय पर जांच होने से पॉजीटिव मरीज को समय रहते उपचार मिलने से टीबी के किटाणुओं को अधिक हानिकारक होने से पहले ही रोक लगाई जा सकती है। सीबी नॉट मशीन की सुविधा से ना सिर्फ मरीजों की महंगी जांच नि:शुल्क की जा रही है, बल्कि सही समय पर इलाज होने से मरीजों में भी कमी आ रही है। गौरतलब है कि जिला मुख्यालय स्थित एकमात्र टीबी अस्पताल में इस मशीन से सभी की नि:शुल्क जांच की जा रही है।
सीबी नॉट मशीन की खाशियत है कि यह ना सिर्फ टीबी के किटाणुओं का पता लगाती है, बल्कि एमडीआर (मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस) की जांच भी करती है। अभी तक टीबी के मरीजों को सीबी नाट जांच की सुविधा सिर्फ जिलामुख्यालय में एकमात्र टीबी अस्पताल में मिल रही है। जल्द ही यह सुविधा डीडवाना के अस्पताल में भी मिलनी शुरू हो जाएगी। इससे डीडवाना सहित आस-पास के क्षेत्र के लोगों को फायदा होगा। टीबी की जांच कराने वाले लोगों की संख्या में इजाफा होगा। जिससे समय पर ही टीबी पॉजीटिव मरीज को डिडेक्ट कर उसका समय पर उपचार शुरू किया जा सकेगा।
निजी अस्पतालों के पास नहीं है यह सुविधा
टीबी के मरीजों की एमडीआर जांच करने के लिए जिला मुख्यालय स्थित टीबी अस्पताल के अलावा किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में यह जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इन अस्पतालों में मरीजों की माइक्रोस्कॉप से टीबी के वैक्टेरिया की जांच कर पहली कैटेगरी की दवाएं शुरू की जाती हैं। यदि किसी टीबी के पॉजीटिव मरीज को लम्बे समय से दवा दिए जाने के बाद उसके स्वास्थ्य में सुधार नहीं हो रहा है तो उन अस्पतालों के पास सिवाय टीबी अस्पताल भेजकर सीबी नॉट जांच करवाने के कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
इसके बाद मरीज की सरकारी टीबी अस्पताल में सीबी नॉट जांच की जाती है। इस जांच से यह पता लगाया जाता है कि मरीज को कौन सी दवा काम नहीं कर रही है तथा कौन सी कैटेगरी की दवा शुरू की जानी है। वर्तमान में इस जांच के लिए निजी अस्पतालों से पांच ऐसे मरीज टीबी अस्पताल भेजे जा चुके हैं। हालांकि सीबी नॉट जांच करने से पहले मरीज निजी अस्पतालों में इलाज में अनावश्यक खर्च कर देते हैं। जबकि टीबी अस्पताल में इसकी जांच व दवाएं नि:शुल्क दी जा रही हैं।
मरीजों के लिए मददगार साबित
सीबी नॉट मशीन टीबी के मरीजों की संख्या पर रोकथाम लगाने के लिए काफी मददगार साबित हो रही है। मनुष्य में बाल और नाखून को छोडक़र टीवी कहीं भी हो सकती है। समय पर जांच होने के बाद नियमित दवा के सेवन से इसका उपचार संभव है। माइक्रोस्कॉप मशीन से टीबी की जांच करने में एक या दो वैक्टेरिया का पता नहीं लगाया जा सकता है।
सीबी नाट मशीन सिंगल वैक्टेरिया को भी पकड़ लेती है। अभी तक इसकी सुविधा जिला मुख्यालय स्थित टीबी अस्पताल में मिल रही है। जल्द ही डीडवाना के पीएमओ अस्पताल में भी मरीजों को इसकी सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। मशीन लगाने के लिए कक्ष तैयार करवाया जा रहा है। सम्भवत: जून महीने तक मरीजों को इसकी सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।
डॉ. श्रवणराम, जिला क्षय रोग अधिकारी, नागौर
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