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VIDEO…रामदेव पशु मेला में पशुओं संख्या पहुंची दो हजार पार

-मेला में सर्वाधिक संख्या गोवंशों की रही, दूसरे पर ऊंट रहा

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Nagaur news

Nagaur. Cows came to Ramdev cattle fair

नागौर. रामदेव पशु मेला में दूसरे दिन यानि की रविवार तक पशुओं की संख्या का आंकड़ा दो हजार की संख्या पार कर गया। मेला में अब तक हुई आवक में सर्वाधिक संख्या गोवंशों की रही है। कुल पशुओं की संख्या 2147 रही है। वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. मूलाराम जांगू ने बताया कि अब तक 1208 गोवंश, 20 भैंस वंश, 876 ऊंट वंश एवं 43 घोड़े आए हैं। डॉ. जांगू ने बताया कि मेला में अभी पशुओं की आवक जारी है। इनके लिए कुल सात चौकियां बनाई गई है। सातों चौकियों में पर पशुओं के प्रवेश के दौरान ही उनके स्वास्थ्य की प्रारंभिक स्तर पर जांच भी की जा रही है। विशेषकर घोड़ों की जांच के लिए उच्च स्तर से भी दिशा-निर्देश आए हुए हैं। इसको ध्यान में रखते हुए घोड़ा लेकर आने वालों से पहले ग्लेण्डर मुक्त प्रमाणपत्र लिया जा रहा है। इसके बाद भी उनको मेला में प्रवेश दिया जा रहा है। इसके साथ ही पशु पालन विभाग की ओर से भी घोड़ों सहित अन्य पशुओं के स्वास्थ्य की जांच भी की जा रही है। ताकि पशु मेला में किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति न उत्पन्न हो सके।
कल से रामदेव गूंजेगे सांस्कृतिक संध्या के स्वर
पशु पालन विभाग के संयुक्त निदेशक एवं मेला अधिकारी डॉ. महेश कुमार मीणा ने बताया कि 13 फरवरी से रामदेव पशु मेला में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो जाएगी। इसमें परिवहन विभाग, पर्यटन विभाग, नगरपरिषद एवं पशुपालन विभाग की ओर से इन कार्यक्रमों का अलग-अलग दिवस पर आयोजन कराया जाएगा। इसमें 13 फरवरी को परिवहन विभाग की ओर से सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा। इसके पश्चात 14 फरवरी को नगरपरिषद की ओर से सांस्कृतिक संध्या होगी। 15 फरवरी को पशुपालन विभाग की ओर से सांस्कृतिक संध्या और 16 फरवरी को पर्यटन विभाग की ओर से सांस्कृतिक संध्या होगी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शृंखला में अंतिम कार्यक्रम भी 18 फरवरी को पशुपालन विभाग की ओर से भजन संध्या के तौर पर किया जाएगा।
पशुओं के परिहवन के लिए 19 को बनेगा रवन्ना
पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार 14 फरवरी से सफेद चिट़्ठी बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। 15 फरवरी को पशु स्वास्थ्य प्रमाणपत्र दिया जाएगा। 16 से 17 फरवरी तक पशुओं की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। 19 फरवरी को पारितोषिक वितरण के साथ ही पशुओं का रवन्ना बनाने का काम भी शुरू हो जाएगाक। इसके अलावा 14 फरवरी से 19 फरवरी तक पशु मेला में सरकारी विभागों की ओर से प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा। इसमें सरकारी विभागों की ओर से केन्द्र एवं राज्य की योजनाओं के संचालन की जानकारी देने के साथ ही विभागीय गतिविधियों एवं उपलब्धियों को भी प्रदर्शित किया जाएगा।