
सांभर झील में सर्वे के दौरान मिला पक्षियों का झुंड।
झील का सर्वे व पक्षी गणना
- पिछले साल की तुलना में इस बार लेसर व ग्रेटर फ्लेमिंगो की संख्या बढ़ी- सांभर झील में पक्षी गणना कार्य हुआ पूरा
इस रिपोर्ट के अनुसार जो सर्वे में शामिल किए गए क्षेत्रों मुख्य रूप से सांभर झील का नावां वाला क्षेत्र, जाब्दीनगर की तरफ, सांभर लेक का भाग तथा नागौर क्षेत्र से संबंधित सांभर लेक के प्रमुख क्षेत्र खाखडक़ी रोड़ एवं रतन तालाब तथा शाकम्भरी माता मंदिर एवं पगल्या वाले बाबा रोड आदि क्षेत्र सम्मिलित है।
सुरक्षा एवं बचाव के प्रयासों को भी सराहा
सर्वे में प्रमुख रूप से यह पता चला कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष लेसर फ्लेमिंगो की संख्या कहीं ज़्यादा है। साथ ही ग्रेटर फ्लेमिंगो भी काफ़ी संख्या में मौजूद हैं। इसके अलावा अन्य प्रवासी पक्षियों में मलार्ड, लेगर फॉल्कन , डेमोईसेल्ले क्रेन व ग्रेलैग गूस, नॉर्दन पिनटेल, ब्लैक विंग स्टिल्ट, कॉमन सैंड्पायपर, लिटिल स्टिल्ट, ब्राह्मी शेलडक, कॉमन टील, कॉमन क्रेन, तथा नॉर्धर्न शोवेलेर आदि की उपस्थिति दर्ज की गई। इन सभी पक्षियों की कम या ज़्यादा संख्या के समूह देखे गए हैं। इसके साथ ही पक्षी विशेषज्ञ डॉ. आबिद अली ख़ान द्वारा वन विभाग की ओर से किए जा रहे प्रवासी पक्षियों विशेषकर फ्लेमिंगो तथा मल्लर्ड डक, नॉर्दन शोवेलेर आदि की सुरक्षा एवं बचाव के लिए प्रयासों को भी सराहा गया।
दिए सुझाव
उनके द्वारा कुछ सुझाव भी दिए गए, ताकि इन पक्षियों की प्रजनन में किसी भी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो। इन सुझावों में प्रमुख रूप से झील के आस पास के क्षेत्रों में पक्षियों से संबंधित जागरूकता उत्पन्न करना है। झीलों में अथवा आसपास के क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग नहीं करना, संभव हो सके तो प्रजनन क्षेत्रों के आस पास से निकलने वाले वाहनों को अन्य मार्ग पर स्थानांतरित करना एवं वन विभाग एवं स्थानीय लोगों को मिलाकर पक्षी एवं पर्यावरण जागरूकता समूह बनाकर क्षेत्र विशेष की रखवाली करना, लोगों के आवागमन को न्यूनतम रखना और यदि संभव हो सके तो झील के संरक्षण इत्यादि क्षेत्रों के चारों तरफ़ फेंसिंग अथवा बाउंड्री वॉल का निर्माण करना है। सर्वे में वनविभाग की टीम में रेंजर ज्ञाना राम एवं गार्ड महेंद्र का भी विशेष सहयोग रहा।
Published on:
12 Dec 2021 08:52 pm
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