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video-तीन महीने से बेनूर मातासुख खनन क्षेत्र में लौटी रौनक

-सभी मांगों पर सहमति के बाद किसानों का तीन माह से चल रहा धना समाप्त - लिग्नाइट कोयला खदान में फिर से काम शुरू

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तीन महीने से बेनूर मातासुख खनन क्षेत्र में लौटी रौनक

तरनाऊ. मांइस में लौटी रौनक।

तरनाऊ. नागौर जिले की प्रसिद्ध मातासुख-कसनाऊ लिग्नाइट परियोजना में शुक्रवार को किसानों का तीन महीने से चल रहा धरना समाप्त होने के साथ ही रौनक लौट आई। गत 11 मार्च से बंद पड़ी लिग्नाइट कोयला खदान में काम पुन: शुरू होने से मांइस क्षेत्र में वाहनों की चहल-पहल शुरू हो गई।

गत तीन मार्च को मातासुख मांइस क्षेत्र के तीन गांव मातासुख, कसनाऊ, इग्यार के सैकड़ों किसानों ने अपनी जमीन के उचित मुआवजे को लेकर धरना शुरू किया था। प्रशासन को सात दिन में मांगे नहीं मानने पर मांइस का सम्पूर्ण काम बंद करवाने की चेतावनी दी थी। किसानों की मांगों पर कोई सहमति नहीं बनी तो 11 मार्च को सैकड़ों किसानों ने महासभा का आयोजन कर मातासुख लिग्नाइट कोयला खदान में काम बंद करवा दिया और धरने पर बैठ गए। इस दौरान धरने पर बैठे किसानों की कई बार तबीयत भी बिगड़ी पर किसानों ने धरना जारी रखा। कसनाऊ गांव के एक किसान इमरान खान की तबीयत बिगडऩे से मौत भी हो गई।

किसानों की मांगों पर सहमति

गुरुवार को जयपुर स्थित उद्योग भवन में किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल, खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल,रालोपा के प्रदेश महामंत्री अनिल बारूपाल के साथ ही आरएसएमएमएल के प्रबंध निदेशक के.बी पांड्या, जीएम अरूणसिंह के साथ ही दूरभाष पर नागौर के प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता की।दिनभर चली वार्ता के बाद देर शाम किसानों की मांगों पर सहमति बन गई। शुक्रवार को धरना स्थल पर खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल, रालोपा के अनिल बारूपाल, ओमप्रकाश डोगीवाल, रामूजाट के साथ आरएसएमएमएल के जीएम अरूणसिंह,आरएसएमएमएल के सलाहकार नितेश जैन, खान उप महाप्रबंधक महेंद्र सोलंकी, खान प्रबंधक एस. के.बेरवाल, जायल एसडीएम रविन्द्र कुमार चौधरी,आरएलपी नेता राहुल खारडिय़ा, भंवरलाल खारडिय़ा,नाथूराम चांगल,रामप्रसाद डिडेल सहित किसान रामेश्वरलाल खालिया,नाथूराम, शिम्भुपुरी सहित सैकड़ों किसानों की मौजूदगी में धरना समाप्ति की घोषणा की गई। धरना समाप्त होने के साथ ही मांइस क्षेत्र में कोयला खुदाई के साथ लोडिंग वाहनों की दौड़ शुरू हो गई। उधर, शनिवार से मातासुख लिग्नाइट कोयला खदान में पूरा काम सुचारू रूप से शुरू हो जाएगा।

सहमति बनने पर झूम उठे किसान-

लगातार तीन महीने तेज धूप व लू में धरने पर बैठे किसानों के चहरे पर उनकी मांगों पर सहमति बनने के बाद मुस्कान नजर आई। अपनी जीत को लेकर किसानों ने डीजे की धुनों पर नृत्य किया तथा पटाखे फोडक़ कर खुशी का इजहार किया। इस मौके पर खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल ने कहा कि यह किसानों की जीत है, तीन महीने के कठोर संघर्ष व एक किसान की मौत के बाद किसानों को न्याय मिला है। बेनीवाल ने बताया कि आरएलपी किसानों की हितैषी पाटी है। तीन महीने तक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने धरने पर बैठ कर किसानों का साथ दिया।करोड़ों के नुकसान बाद चेता विभाग-

मातासुख गांव में चल रहे धरने के कारण लिग्नाइट मांइस का काम बंद होने से रोजाना आरएसएमएमएल को करीब एक करोड़ के आसपास नुकसान उठाना पड़ रहा था। दूसरी ओर कोयले की बढ़ती डिमांड से आरएसएमएमएल को भारी परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा था। मांइस बंद करवाने से सैकड़ों वाहन खड़े होग, जिससे क्षैत्र के गांवों में लोगों को तीन महीने बेरोजगारी की मार भी झेलनी पड़ी।

इन मांगों पर बनी सहमति

किसानों व आरएसएमएमएल के बीच नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की मौजूदगी में मांगों पर सहमति बनी। किसानों को गांव में रोड़ लाइट, सीएसआर फंड से तीनों गांवों में विकास कार्यों के लिए बजट देने के साथ ही किसानों को जोधपुर उच्च न्यायालय के आदेशानुसार 183 नागौर एसडीओ कोर्ट प्रकरणों को पच्चीस हजार रुपए प्रति बीघा से नौ प्रतिशत ब्याज व 30 प्रतिशत सोलेसियम राशि सहित पूर्व में दी गई राशि को समायोजित कर एक मुस्त नागौर एसडीओ कोर्ट में मुआवजा देने , वही कोर्ट में चल रहे 25 केसों को 26 जून 2022 को फैसला मिलने पर मुआवजा देने की मांगों पर सहमति बनी। भूमिहीन किसान रामेश्वरलाल खालिया के परिवार में से एक व्यक्ति को संविदा पर नौकरी रखने तथा ग्रामीणों को मांइस क्षेत्र में योग्यता के अनुसार काम करने की मांग पर भी आरएसएमएमएल ने सहमति जताई।

पत्रिका का जताया आभार

किसानों ने पत्रिका का आभार जताते हुए कहा कि किसान हित में आवाज उठाकर पत्रिका ने न्याय दिलाया है। उसे भुलाया नहीं जा सकता। गौरबतल है कि भूमिहीन किसान किसान रामेश्वरलाल खालिया की आवाज बनकर पत्रिका ने 28 फरवरी के अंक में ‘किसान की दरकार, मेरा भी न्याय करो सरकार’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर सभी का ध्यान इस ओर आकर्षित किया था। इसके बाद तीनों गांवों के सैकड़ों किसानों ने चेत कर अपनी मांग रखी। पत्रिका की इस खबर की गूंज विधानसभा तक गूंजी। उसके बाद किसानों की सुध ली गइ। खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल ने पत्रिका की खबर को आधार बनाकर विधानसभा में मुद्दा उठाया। ा किसानों की मांगों पर सहमति के लिए मांग रखी। पत्रिका ने लगातार इस मामले में सिलसिलेवार खबरें प्रकाशित कर किसानों की आवाज बनी।