सांसद ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि सीएम के पास गृह मंत्रालय होने के बावजूद यह खेल विगत 2-3 माह से चल रहा है और सरकार ने जूनियर अफसरों पर निलंबन कर फोरी कार्रवाई करके इतिश्री करने का प्रयास किया है, जबकि पुलिस विभाग के बड़े चेहरों को बचाया जा रहा है। क्योंकि उन अधिकारियों के तार सीएमओ से जुड़े हैं। साथ ही सांसद ने कहा कि पुलिस अधिकारी हीरालाल सैनी के सीएमओ से जुड़े तार भी जगजाहिर हैं। ऐसे में सरकार को पूरे मामले में उच्च स्तरीय न्यायायिक जांच अथवा एक विशेष टीम का गठन करके मामले में संलिप्त पुलिस के सभी उच्च अधिकारियों को बर्खास्त करने की जरूरत है, ताकि सरकार का एक संदेश समाज में जाए। क्योंकि कोरोना काल में पुलिस की जो अच्छी छवि बनी, वो इस वीडियो के आने के बाद तार-तार हो गई है। साथ ही सरकार के ऑनलाइन एफआईआर सिस्टम की धज्जियां भी उड़ी है।