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नागौर

सीता हरण, मारीच और जटायु मोक्ष का मंचनशबरी को मिले राम

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नागौरDec 09, 2018 / 07:14 pm

Pratap Singh Soni

Chosla News

चौसला. रामलीला के दौरान राम को सीता के बारे में बताते जटायु।

चौसला. रामलीला में सीताहरण, शबरी-जटायु, सुग्रीव मिलन, बाली वध मंचन व हनुमानजी लंका की ओर कूच करने के प्रसंग मंचन किए गए। सूर्पनखा की नाक कटने के बाद रावण ने अपनी बहन के अपमान का बदला लेने के लिए मामा मारीच की सहायता ली। मारीच स्वर्ण हरिण बनकर सीता को आकर्षित किया। सीता ने हरिण को पकडऩे का राम से अनुनय किया। रावण ने साधु का रूप धर कर सीता का हरण कर लिया। आकाश मार्ग में जटायु और रावण युद्ध,जटायु के घायल होने के प्रसंगों का मंचन किया गया। सीता नहीं मिलने पर उसकी खोज करते-करते श्रीराम जटायु के पास पहुंचे। जटायु के सीता हरण की जानकारी राम देने, जटायु को मोक्ष देकर राम के वन में निकलने तथा शबरी के आश्रम में पहुंचने का मंचन किया गया।

राम सुग्रीव की मित्रता
शबरी से मिलने के बाद राम सुग्रीव को खोजने, हनुमानजी के साधु वेश में राम-लक्ष्मण को मिलने, हनुमान के असली वेश में भावविभोर होकर राम के चरणों में नतमस्तक होने का भावपूर्ण मंचन किया गया। राम-सुग्रीव मिलन तथा मित्रता होने के साथ ही राम को सुग्रीव के सहायता का वचन देने,बाली-सुग्रीव युद्ध और बाली की मृत्यु का मंचन हुआ। इसके बाद हनुमान के सीता की खोज में लंका की ओर कूच करने का मंचन किया गया।

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