
Sleeping rulers: The journey from Gandhi Chowk to Delhi Gate became difficult
-शहर के व्यस्ततम बाजारों मे होने के बाद भी कंकाल हुई सडक़ो पर सफर कर रहा बाजार
-दिनभर मे दो हजार से ज्यादा खरीदारी पहुंचते है बाजार मे और 10 हजार से ज्यादा गुजर जाते है वाहन
-दो घंटे मे करीब डेढ़ हजार गुजरते वाहनों के बीच कंकाल बनी सडक़ो पर सफर का खामियाजा झेल रहा आम पूछ रहा सवाल क्या कर रही सरकार
नागौर. गांधी चौक से लेकर दिल्ली दरवाजा क्षेत्र के बाजार तक पहुंचने का सफर मुश्किल हो गया है। बीच राह कई जगह पर सडक़ की हुई खराब हालत की वजह से स्थिति खराब हो चुकी है। यह स्थिति तब है, जबकि यह क्षेत्र न केवल शहर के प्रमुखतम बाजारों में शामिल है। अकेले इस क्षेत्र से ही सरकार को लाखों का टैक्स प्रतिमाह प्राप्त होता है। इसके बाद भी लंबे समय से खराब सडक़ की न तो मरम्मत हुई, और न ही निर्माण किया गया। इसके चलते बाजारों में व्यवसायियों के साथ ही अब इस राह गुजरने वाले राहगीरों का इस पर चलना मुश्किल होने लगा है।
गांधी चौक से लेकर दिल्ली गेट तक पहुंचने की राह में आपको एक, दो नहीं, बल्कि कई गड्ढों को पार करना पड़ेगा। गड्ढों के मिलने की शुरुआत गांधी चौक क्षेत्र में प्रवेश करते ही हो जाती है।यह क्षेत्र सब्जी से लेकर हार्डवेयर, साफ्टवेयर, कम्प्यूटर संस्थान, मोबाइल शॉप सहित कई प्रमुख दुकानों का प्रमुख बाजार है। बाजार में पूरे दिन खरीदार पहुंचते रहते हैं। इस राह गुजरने पर ऊंचे-नीचे हुए रास्तों की वजह से पहाड़ी सडक़ों पर चलने का अहसास होने लगा है। व्यापारिक क्षेत्र होने के चलते यहां पर आवागमन व व्यापारिक दृष्टि से बेहतर सडक़ की सुविधा होनी चाहिए थी, लेकिन नहीं है। यहां के बाशिंदों से बातचीत हुई तो बताया कि सडक़ की समस्या वह पिछले कई सालों से झेल रहे हैं। खराब सडक़ को लेकर ज्यादा शोर मचा तो अधिकारी मिट्टी या मलबा आदि डलवाकर इतिश्री कर लेते हैं। सडक़ की स्थिति यह हो गई है कि जरा सी नजर चूकी नहीं की सडक़ पर गिरे तो कोई उठाने वाला भी नजर नहीं आता है।
दिल्ली दरवाज के पास की हालत खराब
गांधी चौक से दिल्लीगेट की ओर चलने पर दिल्ली गेट के पास महज पांच मीटर दूरी पर पूरी सडक़ ही टूट चुकी है। यह स्थिति सडक़ के दोनो ओर की है। इस मार्ग पर बिखरी कंकरीट के साथ फैली हुई सडक़ पर जमा गंदगी के बीच राहगीरों का सफर बेहद मुश्किल हो गया है। बीच में पूरी टूटी हुई सडक़ के साथ बगल में कंक्रीट का पड़ा हुआ ढेर नजर आता है। इस राह चलने पर टूटी हुई सडक़ के साथ ही कई जगहों पर गड्ढे भी नजर ेआ जाते हैं। इस रास्ते पर आते ही दो पहिया एवं चार पहिया वाहन चालकों को बेहद संभलकर चलना पड़ता है। तमाम सावधानी के बाद भी सडक़ पर चलने के दौरान आए दिन बाइक सवार पलट जाते हैं, लेकिन ज्यादा बड़ा हादसा नहीं होने के कारण यह मामले रिकार्ड में नहीं आ पाते हैं।
दीपावली से पहले गड्ढे तो भरे, फिर भी हालत खराब
बताया जाता है कि दीपावली से चार से पांच दिन पहले इस राह कई जगहों पर हुए सडक़ के गड्ढों को भरा तो गया, लेकिन बेहतर तरीके से निर्माण नहीं होने के कारण इसके चलते अब कई जगहों पर सडक़ का हिस्सा ऊंचा-नीचा हो गया है। सडक़ के असमतल होने की वजह से इस पर चलना मुश्किल होने लगा है।
एक हजार से ज्यादा दुकानें, दिन भर में दस हजार से ज्यादा गुुजरते वाहन
यह सडक़ शहर के प्रमुख बाजारों में शामिल सडक़ों में एक है। इस राह से शहर के अंदर एवं बाहर के क्षेत्रों में जाने के लिए भी गुजरने वाले वाहनों की संख्या में एक दिन में तकरीबन दस हजार से ज्यादा रहती है। व्यवसायिक रूप से व्यस्ततम क्षेत्र होने के साथ ही आवागमन का भी प्रमुख मार्ग है। इसके बाद भी जिम्मेदारों की ओर से इसकी सुध नहीं लेना शहरवासियों के समझ से परे रहा है।
जनता बोली...टैक्स लेने के बाद भी बेहतर सडक़ नहीं
गांधी चौक से दिल्ली दरवाजा क्षेत्र तक पहुंचने वाले सडक़ की हालत बेहद खस्ता है। खराब सडक़ होने के कारण गाडिय़ां उछलती हुई चलती है। कई बार इसके चलते यहां पर हादसे होते रहते हैं, लेकिन हल्के स्तर के हुए हैं। इससे मामला रिकार्ड में नहीं आ पाया। इसके बाद भी सडक़ की हालत खराब है।
घनश्याम बोराणा, नया तेलीवाड़ा
दिल्ली दरवाजा क्षेत्र के सडक़ की हालत कई सालों से खराब है। यहां से गुजरने के दौरान गाडिय़ां भी व्यवस्थित तरीके से नहीं चल पाती हैं। सडक़ को बनवाने के लिए हालांकि स्थानीय स्तर पर लोगों ने प्रयास किया, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिल पाई।
कोजाराम, दीप कालोनी
बेहद अफसोस होता है कि बड़ी-बड़ी बातें करने वाले जनता को एक बेहतर सडक़ तक नहीं दे पा रहे हैं। यह स्थिति तब है जबकि प्रत्येक सरकार को किसी न किसी रूप में टैक्स अदा करता है। ऐसे में जनता को भी बेहतर सडक़ प्राप्त करने का अधिकार है, लेकिन कोई सुनता ही नहीं है।
लूणाराम भाटी, ताऊसर
गांधी चौक से दिल्ली दरवाजा तक की सडक़ केवल आवागमन का ही नहीं, बल्कि यह विशुद्ध रूप से व्यवसायिक क्षेत्र है। इस क्षेत्र के दुकानदार व यहां पर सामान की खरीदारी करने वाले सरकार को टैक्स देते हैं। इसके बाद भी उनको एक बेहतर सडक़ तक नहीं दी जा रही है।
नवीन राव, करणी कॉलोनी
Published on:
19 Nov 2023 09:59 pm
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