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नागौर. भरोसे का कत्ल हो गया तो उम्मीद चकनाचूर हो गई। इलाज के बहाने अपने ही बेटा-बहू उन्हें यहां लाए थे। अब उन्हें क्या पता कि इन्हीं के हाथों छले जाएंगे। लाखों की नकदी-जेवर ही नहीं कार के साथ जमीन/प्लॉट के कागजात तक हथिया लिए। बुजुर्ग पिता अब न्याय की गुहार लगा रहा है। अपनों की ही धोखाधड़ी के शिकार ये बुजुर्ग बस्तीराम चौधरी नागौर में ही सिंचाई विभाग में सहायक अभियंता के पद पर तैनात थे। छोटे बेटे-बहू की इस धोखाधड़ी से आहत बस्तीराम को एसपी का दरवाजा खटखटाना पड़ा, जिनके आदेश के बाद कोतवाली थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
पूर्व सहायक अभियंता बस्तीराम चौधरी (77) कई बरसों पहले रिटायर हो गए थे। वे परबसर के अड़वड़ में निवास करते हैं। जनवरी में इनकी तबीयत खराब हो गई। इस पर उनका छोटा पुत्र महेंद्र प्रताप व बहू वर्षा उनके पास आए और दीप कॉलोनी स्थित अपने मकान पर चलने को कहा। पुत्र ने कहा कि यहां डॉक्टरों से उसकी अच्छी जानकारी है। इलाज भी अच्छे से हो जाएगा। उन्हें यह भी कहा कि सूने मकान में चोरी का डर है, ऐसे में दस्तावेज/जेवर के साथ नकदी भी साथ ले चलो, ये वहां सुरक्षित रहेंगे। इस पर बस्तीराम ने बैंक डायरी के साथ, जोधपुर/परबतसर के मकान के पट्टे, सोने की चेन/अंगूठी समेत करीब बीस तोला तो आठ सौ ग्राम चांदी के जेवरात व दो लाख की नकदी के साथ छोटे-मोटे सामान को लेकर मेरी कार से नागौर आ गए। नागौर आकर ये सभी सामान बहू वर्षा के पास रखने को दे दिया और कहा कि जब वापस जाओ तो ले जाना। पुलिस को दी अपनी रिपोर्ट में बस्तीराम ने बताया कि इसके बाद बेटे-बहू ने उसे नींद व नशे की गोलियां देनी शुरू कर दी। यह कहा कि ये दवा डॉक्टर ने लिखी है, लेनी जरूरी है।
खाते से निकाल लिए चालीस लाख
बस्तीराम ने बताया कि नशे की गोलियां देकर उसके बैंक का रजिस्टर्ड मोबाइल की सिम निकाल ली। साथ ही उसके खाते से रकम निकालनी शुरू कर दी। अलग-अलग दिन उन्होंने करीब चालीस लाख रुपए निकाल लिए। इसकी जानकारी भी उसे नहीं हो पाई। जनवरी से मई तक वो उसके पास रहा। तबीयत ठीक नहीं हुई तो उन्होंने अपने दूसरे पुत्र सुशील कुमार को बुलाया और इलाज के लिए जब पैसे लेने बैंक पहुंचा तो पता चला कि खाते से चालीस लाख की नकदी ही गायब थी। वह उलटे पांव बेटे-बहू के पास पहुंचा और जेवरात समेत नकदी व अन्य कागजात तो मांगे ही चालीस लाख का भी पूछा तो उन्होंने ठीक ढंग से जवाब नहीं देते हुए उसे वहां से निकल जाने को कहा। रिश्तेदारों के रोकने व रजामंदी का कहने पर वह कई दिन इंतजार करता रहा कि यह सब उसे वापस मिल जाएगा। बावजूद इसके वो उसे झूठे मामले में फंसाने की धमकी देते रहे। एक लाख के चेक समेत करीब 43 लाख रुपए व लाखों के जेवरात ही नहीं जमीन/प्लॉट के दस्तावेज तक पर उसने कब्जा जमा लिया। ऐसे में उसे न्याय दिलाया जाए।
इनका कहना
इलाज के बहाने बेटा-बहू ले गए थे। करीब चार महीने यहां रहा, नकदी/जेवर ही नहीं प्लॉट के दस्तावेज यहां तक की पेंशन डायरी तक नहीं दी। एसपी के आदेश पर कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया है।
-बस्तीराम चौधरी, पूर्व सहायक अभियंता सिंचाई विभाग नागौर
Published on:
16 Jul 2023 08:24 pm
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