18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

VIDEO…नाम से पुकारने पर ही दौड़ते हुए पहुंच जाते हैं सोनू-मोनू, और चौमू

रामदेव पशु मेला में पचास हजार से लेकर ढाई से तीन लाख तक के पहुंचे बैल

3 min read
Google source verification
Nagaur news

sonu-monu-and-chaumu-come-running-as-soon-as-they-are-called-by-name

- नागौरी नस्ल के बैलों की चमक से निखरा रामदेव पशु मेला का रंग
- नागौरी बैलों को लेकर आए पशुपालकों को है बेहतर मुनाफे की उम्मीद, सरकार करें मदद तो बढ़ सकता है कई गुना ज्यादा मुनाफा
नागौर. राज्य स्तरीय रामदेव पशु मेला नागौरी नस्ल के बैलों की चमक से अब निखरने लगा है। मेला परिसर में हर ओर नागौरी नस्ल के गोवंश ही नजर आ रहे हैं। इनमें दो वर्ष से कम के बछड़े हैं है तो 50 हजार से लेकर तीन लाख तक की कीमत के नागौरी बैल भी हैं। इन बैलों के गले में बंधी घंटियों की गूंज से मेला मैदान का रंग ही बदल गया है। लाखों रुपए के बैलों के साथ ही पशुपालकों को अब खरीदारों का इंतजार है। इनको उम्मीद है कि बैलों का कोई न कोई खरीदार तो मिल ही जाएगा।
रामदेव पशु मेला में हरियाणा एवं मध्यप्रदेश के साथ ही स्थानीय पशुपालक अपने बैलों को लेकर पहुंचने लगे हैं। इसमें विशेष बात यह रही कि विभिन्न प्रदेशों से बैलों की बिक्री करने पहुंचे पालकों के पास भी नागौरी नस्ल के ही बैल हैं। भड़ाना गांव से आए अर्जुनराम काला अपने एक जोड़ी बैलों की कीमत एक लाख 40 हजार बताते हैं। काला कहते हैं कि यह बैल नहीं, बल्कि उनके पारिवारिक सदस्यों की तर्ज पर इनको रखते हैं। इनका रखरखाव आदि भी विशेष ही किया जाता है। अपने बैलों को वह सोनू-मोनू के नाम से पुकारते हैं। इनकी विशेषता यह भी है कि यह दोनों बैल सामान्यत: बुलाने से नहीं आते हैं, लेकिन इनको यदि इनके नाम से पुकारा जाता है तो यह तुरन्त दौडकऱ पहुंच जाते हैं। हालांकि वह इनको बेचना भी नहीं चाहते हैं, लेकिन ज्यादा समय तक नहीं रख पाने की मजबूरी भी बताते हैं। वह कहते हैं कि परिश्रम में इनका कोई तोड़ नहीं है। इन्होंने इन बैलों को बचपन से पाला है। इसी गांव से बैलों की जोड़ी लेकर पहुंचे रामरतन काला के पास भी चौनू, मोनू के नाम से नागौरी नस्ल के बैल हैं। रामरतन कहते हैं कि उनके बैलों की जोड़ी की कीमत ढाई लाख रुपए है। दोनों को बचपन से पाला है। इनके रखरखाव में प्रतिमाह बीस हजार से ज्यादा का व्यय करना पड़ता है। बातचीत के दौरान ही रामरतन ने दोनों को चौनू व मोनू के नाम से पुकारा तो दोनों बैल उनके पास आकर खड़े हो गए। बताते हैं कि दोनो ही बैल काफी अनुशासनबद्ध भी हैं। समय पर खाना, और टहलने का इनका पूरा सिस्टम बना हुआ है। उन्होंने इन दोनों को बिलकुल बच्चों की तरह पाला है। बताते हैं कि कभी इन बैलों पर उनको सख्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है। यह दोनों आंख के इशारे से ही पूरी बात समझ जाते हैं। मध्य प्रदेश के खण्डवा से पहुंचे विष्णु बताते हैं कि उनके पास भी नागौरी नस्ल का ही बैल है। हालांकि कीमत केवल 65 हजार जोड़ी ही है, लेकिन मेहनत करने में उनके बैलों का कोई जोड़ नहीं है। बताते हैं कि उनको उम्मीद है कि इस बार मेला में बैलों की अच्छी कीमत मिल जाएगी।
चार हजार से ज्यादा पशुओं की हो चुकी है आवक
रामदेव पशु मेला में मंगलवार तक 4175 पशु पहुंच चुके हैं। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. मूलाराम जांगू ने बताया कि अब तक 2259 गोवंश, भैंस वंश 37, 1733 ऊंट एवं 146 अश्व वंश पहुंच चुके हैं। अभी भी मेले में पशुओं की आवक जारी है। अब तक सर्वाधिक आने वाले पशुओं में सर्वाधिक संख्या गोवंशों की रही है। दूसरे नंबर पर ऊंट हैं। डॉ. जांगू ने बताया कि अब गोवंशों में ज्यादातर नागौरी नस्ल के गोवंश हैं, और ऊंटों में बीकानेरी नस्ल के ऊंटों की संख्या ज्यादा है।
पशुपालकों को दे रहे चिकित्स योजनाओं की जानकारी
नागौर. रामदेव पशु मेला में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगाई गई आईईसी प्रदर्शनी में आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र, टीबी मुक्त भारत अभियान, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, अंगदान जीवनदान महाअभियान, राजश्री योजना, पीसीपीएनडीटी एक्ट, नयन दृष्टि अभियान, तम्बाकू मुक्त राजस्थान अभियान तथा मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना तथा एनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान की जानकारी दी जा रही है। सीएमएचओ डॉ. महेश वर्मा ने बताया कि इसमें चिकित्सा शिविर भी लगाया गया है। ताकि शिविर के माध्यम से पशुपालक अपनी प्रारंभिक स्तर की चिकित्सा का लाभ ले सकें।
नि:शुल्क नेत्र शिविर भी लगेगा
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के जिला आईईसी समन्वयक हेमन्त उज्जवल ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगाई गई इस आईईसी प्रदर्शनी में जिला अंधता निवारण समिति, साइट सेवर्स संस्था तथा उरमूल खेजड़ी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में रामदेव पशु मेले में राजस्थान सहित देश भर से आए पशुपालकों के लिए निशुल्क नेत्र जांच शिविर लगाया जाएगा। इस शिविर में पशुपालकों की नेत्र जांच कर उनमें मोतियाबिंद के रोगियों को ऑपरेशन के लिए संबंधित स्थानीय एवं सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन के लिए रैफर किया जाएगा। इस शिविर में साइट सेवर्स के नित्यानंद राज एवं उरमूल खेजड़ी के देवाराम व उनकी टीम सेवाएं देंगी।