15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कभी दलदल में फंसी थी इमारत, आज वहां चलता है जनता क्लिनिक

रवीन्द्र मिश्रानागौर . ‘मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिल मगर, लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया।’ प्रसिद्ध शायर मजरूह सुल्तानपुरी का यह शेर शहर की नई विकसित संजय कॉलोनी में संचालित जनता क्लिनिक पर सटीक बैठता है। कभी दलदल बनी यहां की जमीन पर आज सुन्दर भवन खड़ा है, साथ ही कॉलोनी सहित आस-पास के लोगों को उपचार की सुविधा भी मयस्सर हो रही है।

4 min read
Google source verification
कभी दलदल में फंसी थी इमारत, आज वहां चलता है जनता क्लिनिक

नागौर. संजय कॉलोनी स्थित जनता क्लिनिक ।

- कूड़ागाह बना हुआ था संजय कॉलोनी का बंद हुआ प्राथमिक विद्यालय परिसर

- उठती दुर्गन्ध से कॉलोनीवासी थे परेशान, मच्छरों से बेचैन

- जागरूक लोगों ने उठाया बीड़ा तो लोगों को मिली उपचार की सुविधा

इसे सच साबित किया है, कॉलोनी में बसे लोगोंं की जागरूकता और समाज के लिए कुछ करने की चाहत ने। विद्यालय के बंद परिसर की स्थिति देख कुछ लोगों के मन में इसे निखारने का भाव जागा और धीरे-धीरे लोग जुड़ते गए और कारवां बनता गया। आज यह परिसर स्वास्थ्य लाभ के साथ पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश भी दे रहा है।स्कूल बंद हुआ तो बना कचरागाह (फोटो है-04)

संजय कॉलोनी स्थित जलदाय विभाग की टंकी के पास पहले शिक्षा विभाग का प्राथमिक विद्यालय संचालित था। विद्यालय भवन में पांच कमरे बने हुए थे और बाहर खाली मैदान था। जो करीब पन्द्रह सौ वर्ग गज का भूखण्ड है। वर्ष 2013 में राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग में विद्यालय समन्वित योजना लागू की। इसके तहत इस प्राथमिक विद्यालय को संत बलरामदास कॉलोनी स्थित प्राथमिक विद्यालय में मर्ज कर दिया गया। उसके बाद से विद्यालय का भवन बंद पड़ा था। किसी तरह की चहल पहले नहीं होने से लोगों को मौका मिल गया और यहां कचरा डालना शुरू कर दिया। यहां दिनभर आवारा पशुओं का जमघट लगा रहता। पास में बनी टंकी से लीकेज के कारण हर समय मैदान में पानी भरा रहता था। इसके कारण दुर्गन्ध उठने के साथ ही मच्छर पनपने लगे। लोगों को बीमारी का दंश झेलना पड़ रहा था। हैरान-परेशान लोगों ने नगर परिषद से लेकर जिला प्रशासन के आला अधिकारियों तक के दरवाजे खटखटाए, लेकिन उन्हें लोगों की परेशानी से कोई सरोकार नहीं था। बाद में संजय कॉलोनी विकास समिति के बैनर तले लोगों ने काफी संघर्ष किया। शिक्षा विभाग ने भी अपने भवन की कोई सुध नहीं ली। इस परिसर के आस-पास करीब तीन सौ घर बसे हुए हैं, जिन्हें आए दिन जमा गंदे पानी से दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।

सरकार की योजना से आई चमक
समिति के संघर्ष के बीच सरकार ने 18 दिसम्बर 2019 को ‘निरोगी राजस्थान अभियान’ की शुरुआत की। इसके तहत लोगों को घर के नजदीक निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जनता क्लिनिक खोले गए। सरकार की यह योजना संजय कॉलोनीवासियों के संघर्ष में कारगर साबित हुई। समिति ने प्रशासन व चिकित्सा विभाग के पास इस बंद स्कूल भवन में जनता क्लिनिक खोलने का प्रस्ताव रखा। जनवरी 2020 में सीएमएचओ अपनी टीम लेकर यहां पहुंचे और जमीन व भवन का निरीक्षण किया। उन्हें दोनों ही पसंद आने पर यहां जनता क्लिनिक खोलने की स्वीकृत जारी कर दी। बाद में शिक्षा विभाग ने स्कूल भवन चिकित्सा विभाग के सुपुर्द कर दिया।

समिति के साथ पार्षद की मेहनत रंग लाई
समिति और क्षेत्रीय पार्षद ललित लोमरोड ने मिलकर इस स्थान की दशा सुधारने की मुहिम छेड़ दी। मैदान में दस दिन तक दिन रात पम्पसेट चलवाकर यहां भरे पानी को बाहर निकाला गया। उसके बाद करीब 80-90 डम्पर मिट्टी डलवाकर भरत करवाई गई। इससे मैदान ऊंचा और साफ सुथरा हो गया। करीब दो सौ पौधे लगाए, जो अब धीरे-धीरे पेड़ बनने लगे हैं। भामाशाहों के सहयोग से जीर्ण-शीर्ण व खण्डहर पड़े भवन के कमरों की मरम्मत व रंग रोगन का कार्य करवाया गया। पानी की टंकी का फाउण्डेशन धंसने लगा था जिसे मजबूत कराया। वर्तमान में यहां एक पानी का टांका बना हुआ है। ट्री गार्ड लगे हैं तथा पार्षद ने पीछे तारबंदी करवाकर पौधों की देखरेख व पानी देने के लिए अपनी तीन श्रमिक लगा रखे हैं।

संसाधन मिल रहे पर स्टाफ की कमी (फोटो-12)
जनता क्लिक्निक में भामाशाहों के सहयोग से संसाधन तक तो धीरे-धीरे जुटे रहे हैं पर चिकित्सा विभाग ने स्टाफ पूरा नहीं लगा रखा है। योजना के तहत यहां 9 पद स्वीकृत है, लेकिन कार्यरत स्टाफ 3 ही है। यहां मेडिकल ऑफिसर का 1, नर्स फस्ट ग्रेड-1, नर्स सैकेण्ड ग्रेड-1, एएनएम-1, एलटी 1, सहायक कार्मिक -3 व स्वीपर का 1 पद स्वीकृत है। लेकिन चिकित्सक सहित दो स्टाफ और लगा है। अस्पताल के काम आने वाले उपकरणों व अन्य संसाधनों के लिए एसएल ग्रुप (शुभ लक्ष्मी) पूरा सहयोग कर रहा है। टेबल -कुर्सियां व फर्नीचर उपलब्ध कराया है। भवन की मरम्मत में हरिराम लोमरोड ने करीब डेढ़ लाख रुपए का आर्थिक सहयोग दिया है।नगर परिषद ने बढ़ाई समस्या (फोटो -2)

सालभर पहले चुनावी आपाधापी का फायदा उठाकर नगरपरिषद ने यहां गंदे पानी का चैम्बर बना दिया। चैम्बर में कॉलोनी में बने मकानों की किचन व बाथरूम का गंदा पानी एकत्रित होता है। गजेन्द्र माथुर ने बताया कि चैम्बर नुमा बने टांके में लगे नाले से पानी निकलकर मैदान में फैलता है। इससे परिसर में फिर से पानी भरने लगा है और कीचड़ जमा हो रहा है। लेकिन परिषद के अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
इनका कहना काफी संघर्ष के बाद जमीन और भवन की दशा सुधरी है। गदंगी खत्म हुई है। कुछ समय बाद पौधे भी लहलहाने लगेंगे। नगर परिषद को चाहिए कि जल्द ही कॉलोनी के गंदे पानी की निकासी के लिए नाला बनवाए ताकि फिर से गंदगी जमा ना हो।

जीआर बाटन,
कॉलोनी निवासी
- अस्पताल में संसाधन तो मिल रहे हैं, दवाई की आपूर्ति भी पूरी है। रोजाना का 20-25 मरीज का ओपीडी है। लेकिन स्टाफ की कमी के कारण समस्या आ रही है।
शिव सिंह भाकल,

फस्र्ट ग्रेड नर्स, जनता क्लिनिक

- नगर परिषद को चैम्बर हटवाकर नाला बनवाना चाहिए, ताकि पानी निकासी की समस्या का स्थाई समाधान हो सके। सडक़ का निर्माण भी जल्द करवाया जाए।
महेन्द्र सिंह कांगसिया, कॉलोनी निवासी


पार्षद की योजना

संजय कालोनी में एक भी पार्क नहीं है। इस जमीन पर पार्क विकसित करने की योजना है। बच्चों के लिए झूले व फिसलपट्टी व अन्य खेल-कूद के उपकरण लगाए जाएंगे। नगर परिषद व जिला कलक्टर से मिलकर जल्द ही इसकी चारदीवारी बनवाई जाएगी।
ललित लोमरोड, वार्ड पार्षद