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VIDEO…शहर बसा, कॉलोनियां बसी, इस मोहल्ले में सडक़ आज तक नहीं बनी

Nagaur. जिला मुख्यालय के खटिक मोहल्ले में सडके बनी नहीं,पार्क मिला नहीं , और न ही बिजली -पानी भी मयस्सर , फिर भी जैसे- तैसे बसर कर रहे हैं यहां के बाशिंदे

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Nagaur news

The city was established, colonies were established, the road in this locality has not been built till date

-शहर बसावट के साथ ही बना यह खटिक मोहल्ला
-इस मोहल्ले से आधे किलोमीटर से भी कम की दूरी पर रहती है शहर की सरकार व जिले के मुखिया, फिर भी राष्टीय खाद्यान्न के साथ ही अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ आज तक नहीं मिला इन लोगों को
नागौर. शहर बसा तो कॉलोनियां बनी, लेकिन विकास के नाम पर न तो सडक़ें बनी, और न ही बिजली, पानी व पार्क की सुविधा मिली। स्थिति यह है कि शहर के बिलकुल मध्य में होते हुए भी न तो सरकारी योजनाओं का लाभ मिला, और न ही प्रशासनिक अधिकारियों ने इनकी सुध ली। यह हालत है जिला मुख्यालय में कृषि मंडी के निकट खटिक बस्ती मोहल्ले की। स्थानीय बाशिंदों की माने तो उन्होंने योजनाओं से जुडऩे के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ ही जिले के मुखिया तक से मिन्नतें की, लेकिन इनकी सुनवाई फिर भी नहीं हुई। लगातार प्रशासनिक उपेक्षा के दंश से परेशान-निराश स्थानीय लोगों का कहना है कि हम गरीब हैं इसलिए हमारी सुनवाई कोई नहीं करता। हमारे पास भी पैसे होते तो फिर न तो सडक़ बनवाने के लिए किसी से मिन्नतें करनी पड़ती, और न ही राष्ट्रीय खाद्यान्न योजना से जोडऩे के लिए।
70 मकान, लेकिन पानी के कनेक्शन तिहाई भी नहीं
शहर खटिक मोहल्ले में मूलभूत सुविधाओं में शामिल पानी के कनेक्शन तक ज्यादातर लोगों के पास नहीं है। इस इलाके में तकरीबन 70 मकान हैं, लेकिन कनेक्शनों की संख्या महज दो दर्जन हैं। स्थानीय निवासियों की माने आर्थिक रूप से बेहद कमजोर होने के साथ ही इस पर ज्यादा राशि व्यय नहीं कर सकते हैं। इसके बाद भी कनेक्शन के लिए उनकी ओर जलदाय विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया,लेकिन अधिकारी इनको सुनने तक को तैयार नहीं है। ऐसा स्थानीय बाशिंदों का कहना है।
प्रार्थना पत्र देने के बाद भी योजना से नहीं जोड़ा
स्थानीय बाशिंदों के अनुसार उनको सरकारी योजना के तहत राशन की दुकानों से राशन तक नहीं मिल पाता है। कारण कि उन्हें न तो राष्ट्रीय खाद्यान्न योजना से जोड़ा गया, और न ही उनके राशन कार्ड बने। हालांकि इनकी ओर से कई बार इसके लिए प्रार्थना पत्र दिया गया, लेकिन इनके प्रार्थना पत्र कहां गए कुछ पता नहीं। प्रार्थना पत्र देने के बाद भी अब तक इनको राष्ट्रीय खाद्यान्न योजना से नहीं जोड़ा गया।
बच्चों के खेलने के लिए पार्क भी नहीं
कॉलोनी स्थापनाकाल से अब तक इस मोहल्ले को एक पार्क तक नसीब नहीं हो पाया है। लोगों का कहना है कि बच्चों को खेलने एवं बुजुर्गों के लिए कुछ क्षण शांत से बैठने के लिए यहां पर कोई पार्क आज तक नहीं बनाया गया। जबकि पार्क बनाए जाने के लिए स्थानीय स्तर पर नगरपरिषद को मोहल्लेे के लोगों की ओर से प्रार्थना पत्र दिए जाने के साथ ही सभापति एवं आयुक्त से भी मुलाकात की गई। आश्वासन मिला, लेकिन पार्क आज तक नहीं मिल पाया। अब ऐसे में बच्चे मोहल्ले के मुख्य मार्ग पर ही मजबूरी में खेलते हैं। ऐसे में कई बार हादसे भी हुए हैं, लेकिन लोगों का कहना है कि वह करें भी क्या। यहां कॉलोनी में तो आज तक एक पार्क भी नहीं बनाया जा सका।
सीवरेज की सुविधा भी नहीं
शहर के ज्यादातर इलाके में सीवरेज का जाल स्थापित हो चुका है, लेकिन यह मोहल्ला इस सुविधा से अब तक पूरी तरह अछूता पड़ा हुआ है। नालिया भी नहीं बनी है। इसकी वजह से गंदे पानी की निकासी नहीं होने के कारण वह इधर-उधर मुख्य मार्ग पर ही बहता रहता है। इसकी वजह से यहां के लोगों में परस्पर विवाद की स्थिति बनी रहती है।
झाडियों से ढंका मोहल्ला
खटिक मोहल्ले में चारो ओर से लगभग कंटीली झाडिय़ों से घिरा हुआ है। इसकी वजह से बच्चों के साथ विशेषकर महिलाओं एवं बुजुर्गों को काफी दिक्कतें होती है। बताते हैं कि खेलने के दौरान कई बार बच्चे इसकी वजह से जख्मी हो जाते हैं। महिलाओं के लिए काफी असहज स्थिति हो जाती है।
मोहल्ले में कभी नहीं बनी पक्की सडक़ें
स्थानीय बाङ्क्षशदों का कहना है कि क्षेत्र के हालात बेहद कठिन हैं, विशेषकर बरसात के दिनों में कई जगहों पर हुए गड्ढों के कारण चलना मुश्किल हो जाता है। इस क्षेत्र में आज तक नगरपरिषद की ओर से पक्की सडक़ तक नहीं बनाई गई। स्ट्रीट लाइट नहीं होने की वजह से स्थिति बेहद खराब रहती है।
जनता की जुबानी, उनकी समस्याएं
पिछले पैतीस सालों से इस कॉलोनी में रह रहा हूं। आज तक यहां पर किसी भी सुविधा का लाभ नहीं मिला। पानी भी बराबर नहीं आता है। कई बार पानी के लिए दूसरे इलाकों में जाना पड़ता है।
कैलाशराम, खटिक मोहल्ला
इस मोहल्ले में ज्यादातर लोग आर्थिक रूप से कमजोर तबके हैं। इसके बाद भी सरकारी योजनाओं के नाम पर मिलने वाले लाभ की स्थिति जीरो है। इस संबंध में स्थानीय प्रशासन से कई बार मुलाकात करने के बाद भी कोई नतीजा आज तक नहीं निकला है।
सोहनराम, खटिक मोहल्ला
पूरे शहर में सीवरेज एवं नालियों की सुविधा ज्यादातर कॉलोनियों में है, लेकिन इस कॉलोनी में यह सुविधा अब तक नहीं मिल पाई है। इसके कारण बरसात के दिनों में जहां जलप्लावन की स्थिति बनने के कारण हादसे की आशंका बनी रहती है, वहीं रहना भी मुश्किल हो जाता है।
नरपत, खटिक मोहल्ला
शहर के बिलकुल केन्द्र में होने के साथ महज आधा किलोमीटर से भी कम की दूरी पर नगरपरिषद एवं कलक्ट्रेट हैं। जहां शहर की सरकार व जिले के मुखिया बैठते हैं। इसके बाद भी इस मोहल्ले के लोगों को अब तक राष्ट्रीय खाद्यान्न योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।
मोहनलाल, खटिक मोहल्ला
पार्षद बोले...हम भी मजबूर हैं
खटिक मोहल्ला के स्थानीय जनप्रतिनिधि गोविंद कड़वा से इस संबंध में बातचीत हुई तो बताया कि उनकी ओर से खुद के स्तर पर इसके लिए काफी प्रयास किए गए, लेकिन इनको सरकारी सुविधा नहीं दिला पाने का उनको भी काफी मलाल है। इस संबंध में उन्होंने सभापति, आयुक्त एवं जिला कलक्टर से मुलाकात कर उनको मौखिक के साथ ही लिखित रूप से भी समस्या से अवगत कराया, लेकिन इसके बाद भी इस मोहल्ले के लोगों को न तो सरकारी योजनाओं का लाभ दिया गया, और न ही अन्य सुविधाओं का।