नागौर. बारिश के साथ तूफान ने रविवार को जिले में सैंकड़ों पेड़ों के साथ ही बिजली के पोलों को उखाड़ दिया। बिजली पोलों के साथ जहां-तहां लगे पेड़ों के गिरने से कई जगहों पर एलटी लाइन पूरी तरह से टूट कर बिखर गई। इस तूफान में केवल पेड़ ही नहीं गिरे, बल्कि ट्रांसफार्मर भी हवा की मानिंद उड़ कर टूटे। जिला मुख्यालय से लेकर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक सडक़ों पर गिरे, टूटे व बिखरे पोलों के पड़े अवशेष आई आंधी के भयावहता को दर्शाते नजर आए। इससे शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था पूरी तरह से पटरी उतरी रही। स्थिति यह रही कि जिले के ज्यादातर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र तूफान-बारिश के कहर से पीडि़त रहे। डिस्कॉम के अनुसार लगातार चल रहे तूफान व बारिश के कहर से विभाग के नुकसान का आंकड़ा भी करोड़ों में जा पहुंचा है। उल्लेखनी है कि गत 25 मई को आए तूफान में करीब सात हजार पोल टूटे थे। इसके बाद 26 मई को 369 पोल डेमेज हो गए थे। अब रविवार को इस तूफान ने सैंकड़ों पोलों को धराशायी कर दिया। फिलहाल डिस्कॉम पोलों के टूटने की संख्या के साथ ही नुकसान का आंकलन करने में लगा हुआ है।
पिछले तीन से चार दिन नागौर के लिए बेहद तकलीफदेह रहे। मौसम के बिगड़े रूख ने जिले की बिजली व्यवस्था को पूरी तरह से पटरी से उतार दी। रविवार को अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे आए तूफान ने एक बार फिर से जिले को अंधेरे में डूबो दिया। अपराह्न में करीब साढ़े तीन बजे तेज हवा चलने के साथ बारिश शुरू हुई। तेज हवा के तूफान में बदलने के साथ ही बारिश भी तेज हो गई। इस तूफान में जिला मुख्यालय के मूण्डवा रोड से लेकर मानासर चौराहा, बीकानेर रोड, नया दरवाजा, अस्पताल रोड आदि क्षेत्रों में दर्जनों पेड़ गिर गए। यह पेड़ 33 केवी, 11केवी एवं एलटी लाइन पर गिरे। इसमें अस्पताल रोड पर पेड़ सीधा ट्रांसफार्मर पर गिरा। इससे यह क्षतिग्रस्त हो गया। नया दरवाजा, कुंदन सिटी, मूण्डवा रोड से मानासर चौराहे तक पेड़ एलटी एवं 33 केवी लाइन पर गिरे नजर आए। इसी तरह से डेह रोड पर भी तूफान संग बारिश ने भारी तबाही मचाई। डेड रोड पर बिजली का एक टॉवर टूटा तो उसका एक हिस्सा सामने की बिल्डिंग में जा गिरा। यहां पर कई जगह लगे फ्लेक्स, शेड आदि कागज की मानिंद उडकऱ सडक़ पर जा गिरे। इस तबाही से नागौर शहर की बिजली आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से पटरी उतरी रही। देर रात्रि तक पूरा नागौर शहर अंधेरे में डूबा नजर आया। बारिश से मौसम की तपिश से राहत मिली, लेकिन आंशिक रूप से। इसके चलते गर्मी से बिजली के अभाव में पूरा शहर परेशान रहा। विशेषकर बच्चों एवं महिलाओं के साथ बुजुर्गों को बिजली नहीं होने से बेहद मुश्किल का सामना करना पड़ा।
जिले में हर जगह छाया अंधेरा
डिस्कॉम के अनुसार प्रारंभिक स्तर पर मिली जानकारी के अनुसार नागौर, मूण्डवा, खींवसर एवं डेह में इस तूफान व बारिश ने ज्यादा तबाही मचाई है। अकेले नागौर में ही चार से पांच दर्जन बिजली के पोलों के टूटने की सूचना मिली है। इसी तरह से जिले के खींवसर में भी कई जगह काफी संख्या में पोल गिरे। डेह की भी यही स्थिति बताई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल प्राथमिकता शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों की आपूर्ति व्यवस्था को बहाल करने का है, लेकिन यह तो जरूर है कि विभाग को इस तूफान ने भी करोड़ो का नुकसान पहुंचाया है। सही वस्तुस्थिति तो पूरी तरह से आंकलन करने के बाद ही सामने आ पाएगी।
व्यवस्था को सुचारु करने में लगेंगे दो-तीन दिन
डिस्कॉम के अधिकारियों के अनुसार सैंकड़ों की संख्या में पोल गिरे, ट्रांसफार्मर टूटे एवं तार भी टूटकर बिखर गए। इसकी वजह से शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को पूरी तरह से व्यवस्थित होने अनुमानत: दो से तीन दिन का समय लग जाएगा। अधिकारी बताते हैं कि जिले प्रभावित क्षेत्रों में डिस्कॉम की टीम आपूर्ति व्यवस्था को बहाल करने में लगी हुई है। इस दौरान फिर से तूफान व बारिश ने तबाही नहीं मचाई तो अनियंत्रित स्थिति को व्यवस्थित कर लिया जाएगा, नहीं तो फिर हालात और ज्यादा बिगड़ सकते हैं।
इनका कहना है…
तूफान के साथ आई बारिश से काफी संख्या में बिजली के पोल डैमेज हुए हैं। कई जगह पर पेड़ों के गिरने के कारण ट्रांसफार्मर एवं एलटी, 33 केवी एवं 11 केवी लाइन को भारी नुकसान पहुंचा है।
एफ आर. मीणा, अधीक्षण अभियंता, अजमेर डिस्कॉम नागौर