
The trading heat remained even after the fall in the price of cumin
जीरा 50 हजार से 45 हजार पर आया, लेकिन निचले दर पर 32 हजार पर बिका
-ईसबगोल के भावों में नहीं आई नर्मी, अभी भी 18 हजार से 24 हजार प्रति क्विंटल पर बिक रहा
जीरे की गर्मी हुई कम, गिरे भाव, आवक भी हुई धीमी
-जीरे के भाव मे दो हजार की आई कमी
-इसबगोल की गर्मी बरकरार, 20-22 हजार प्रति क्विंटल पर बिक रहा इसबगोल, अन्य जिसों के भाव चल रहे स्थिर
नागौर. 50 हजार तक के उच्चतम दर पर पहुंचने के बाद जीरा के भाव में नर्मी आई है। पचास हजार में बिक रहा जीरा अब 45 हजार प्रति क्विंटल की दर पर बिक रहा है। पांच हजार की कमी इसके उच्चतम दर में आई, लेकिन निम्नतम दर में इसके भावों की गर्मी बरकरार रही है। निचले दर पर पर जीरा मंगलवार को 32 हजार प्रति क्विंटल की दर पर बिका है। अन्य जिंसों में सौंफ जहां 11 हजार से 18 हजार प्रति क्विंटल की दर पर बिक रहा है, वहीं ईसबगोल के प्रति क्विंटल की दर 22 हजार से 24 हजार तक पहुंच गई है।
कृषि उपजमंडी में पिछले कई दिनों से जीरे की बढ़ती दर पर लगाम लगी है। जीरा अब तक के अपने अधिकतम पचास हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर पर पहुंचने के बाद लुढक़ा है। इसके भावों में पांच हजार की कमी आई है। भावों में कमी आने के बाद भी मंडी के कारोबार में गर्मी बनी हुई है। दो दिन पहले ही जीरे के भाव में दो हजार की कमी आई तो यह हुआ कि शायद एक-दो दिनों में इसकी दर फिर से बढ़ेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कृषि उपजमंडी में मंगलवार को जीरे की आवक शुरू होने के साथ ही थोड़ी देर बाद नीलामी शुरू हुई तो फिर इसके भाव में तीन हजार की कमी आ गई। जीरे के भावों में गिरावट होने से इसको लेकर आए उत्साहित काश्तकार थोड़ा मायूस नजर आए। काश्तकारों का मानना था कि इस बार उपज भी पिछले वर्ष की अपेक्षा कम जरूर हुई, लेकिन इसकी मांग बाजार में बनी हुई है। इसलिए जीरे के भाव बढ़ेंगे तो फिर कम उत्पादन होने की भरपाई हो सकेगी। कृषि मंडी में इन दिनों की जीरे की चार बोरियां, ईसबगोल की पांच हजार बोरियों की आवक हो रही है। व्यापारियों में पवन भटटड़ से बातचीत हुई तो बताया कि जीरे के मंडी में दो भाव चल रहे हैं। इसमें बेहतर गुणवत्ता वाला जीरा 45 हजार एवं इससे कम बेहतर गुणवत्ता का जीरा 32 हजार बिक रहा है। यह दोनों ही दरें गत वर्ष की अपेक्षा अभी भी डेढ़ से दोगुना ज्यादा ही चल रही है। ईसबगोल भी कुछ दिनों पहले 16 से 20 हजार में चल रहा था। इसके भाव में भी करीब दस से पंद्रह दिनों के अंतराल में परिवर्तन आया है। ईसबगोल भी 18 हजार से 24 हजार में बिक रहा है। इसके भाव में भी चार से पांच हजार की बढ़ोत्तरी हुई है। कारण साफ है कि ईसबगोल एवं जीरा, दोनों ही जिंसों की मांग बनी हुई है, लेकिन इस साल कम हुए उत्पादन की वजह से पर्याप्त मात्रा में इनकी आवक नहीं होने के कारण भाव बढ़े हैं। इन दोनों जिंसों की तुलना में सौंफ के बोरियों की आवक भी कम नहीं हुई, लेकिन इसके भाव स्थिर बने हुए हैं। सौंफ मंडी में मंगलवार को 11 हजार से 18 हजार प्रति क्विंटल पर बिकी।
इनका कहना है...
जीरे के भावों में कमी आई है, लेकिन इसकी कारोबारी गर्मी बनी हुई है। जीरे की बढ़ी दर से जहां काश्तकारों को फायदा हुआ है, वहीं खुले बाजार में भी इसकी दर में उछाल आया है।
मूलचंद भाटी, अध्यक्ष कृषि उपजमंडी व्यापार मंडल
Updated on:
19 Apr 2023 10:36 pm
Published on:
19 Apr 2023 10:32 pm
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