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Nagaur patrika news…अतिक्रमण से यातायात व्यवस्था हुई बेपटरी, सडक़ जागरुकता अभियान या खानापूति…!VIDEO

सडक़ों को यातायात व्यवस्था के लिए सुचारु बनाए जाने की दृष्टि से नगरपरिषद एवं यातायात पुलिस की ओर से चल रहा सडक़ जागरुकता अभियान अब खानापूर्ति बनकर रह गया है।

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नागौर. सडक़ों को यातायात व्यवस्था के लिए सुचारु बनाए जाने की दृष्टि से नगरपरिषद एवं यातायात पुलिस की ओर से चल रहा सडक़ जागरुकता अभियान अब खानापूर्ति बनकर रह गया है। स्थिति यह है कि एक ओर जहां सडक़ों के किनारे खड़े ठेले आदि हटाए जाते हैं, टीम के जाते ही फिर लग जाते हैं। विशेषकर शहर के बाजारों की हालत लंबे समय से खराब चल रही है, लेकिन इस ओर जिम्मेदारों का ध्यान बिलकुल नहीं जा रहा। जबकि सोमवार को भी शहर के प्रमुख बाजारों में गांधी चौक, तिगरी बाजार, सदर बाजार आदि क्षेत्रों की पड़ताल की गई तो जहां, तहां खड़े दो पहिया, तीन पहिया वाहनों के साथ ही काफी संख्या में न केवल ठेले आदि खड़े मिले, बल्कि दुकानों के सामने आगे बढकऱ रखे गए गए सामानों के कारण यह बाजार की सडक़ें किसी सुरंगनुमा मार्ग में बदली नजर आई। इससे अभियान की जागरुकता एवं विभागीय जिम्मेदारों की नीयत का अंदाजा लगाया जा सकता है।
गांधी चौक…जहां-तहां खड़े वाहन, ठेले, दुकानों के सामने सामग्री
शहर के प्रमुख बाजारों में गांधी चौक पहुंचने पर दाहिने एवं बायीं ओर जहां, तहां खड़े वाहन मिले। इसमें दो पहिया एवं तीन पहिया के साथ चार पहिया वाहन भी शामिल थे। इन वाहनों के खड़े होने के कारण सडक़ पहले ही संकरी हो गई। इसके पश्चात रही-सही कसर इधर-उधर आड़े-तिरछे अंदाज में खड़े फुटपाथ पर सजाए दुकानों ने पूरी कर दी। इसकी वजह से यहां पर हर पांच मिनट में जाम लगता रहा। यहां पर पार्किंग के लिए एजेंसी अनुबंधित है, लेकिन इसके बाद भी काफी संख्या में वाहन बाहर ही सडक़ किनारे खड़े रहे।
सदर बाजार: दो पहिया वाहन ले जाना हुआ मुश्किल
सदर बाजार क्षेत्र में प्रवेश करने पर लगा कि जैसे किसी सुरंगनुमा रास्ते मेंआ गए हों। चलने के लिए जगह ही नहीं, और दुकानों के सामने रखी सामग्रियों ने पूरी सडक़ की हालत पतली कर दी है। ज्यादातर दुकानें भी आवंटित सीमा से बाहर ही नजर आई। इसके चलते पूरे सदर बाजार में पैदल राहगीरों के साथ ही दो पहिया वाहन चालक भी सफर के दौरान संघर्ष करते नजर आए। इसी तरह तिगरी बाजार की हालत भी बेहद पतली नजर आई। यहां पर वाहनों के अस्थायी अतिक्रमण के साथ ही कई जगहों पर कुछ पक्के निर्माण भी भी मिले। इनकी वजह से इस पूरे बाजार में सफर करने में हर कोई संघर्ष करने में लगा रहा। इसी तरह
अतिक्रमण को अनदेखा कर रहे जिम्मेदार
ठेले वालों पर कुछ जगहों पर प्रशासन ने कार्रवाई तो की है, लेकिन दुकानदारों द्वारा सडक़ पर सामान रखने के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। स्थायी दुकानदारों के अतिक्रमण को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अनदेखा कर रहा है, जिससे नागरिकों को भारी परेशानी हो रही है। इन दुकानदारों की ओर से सडक़ पर रखा गया सामान, मुख्य सडक़ों और गलियों को और संकरा बना देता है, जिससे जाम की स्थिति लगातार बनी रहती है।
जनता बोली: सडक़ जागरुकता नहीं, खानापूर्ति हो रही
इस दौरान बाजार में आए श्याम, दिनेश, बाबूलाल, विनोद , गोविंद, बालू ,गोपाल , कैलाश एवं कोमल आदि बातचीत हुई तो इनका कहना था कि नगरपरिषद और ट्रेफिक पुलिस बार-बार यह दावा करती है कि वह शहर में अतिक्रमण हटाने के लिए कार्य कर रहे हैं, लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि इन अभियानों का सिर्फ औपचारिक रूप से पालन किया जा रहा है। अतिक्रमण हटाने के बजाय नगर के मुख्य बाजारों में हालत जस की तस बनी हुई है। यह स्थिति नागरिकों के लिए परेशानी का कारण बन चुकी है, और प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।