नागौर. गर्मी आने के साथ ही बिजली संकट बढऩे लगा है। तमाम तैयारियों के दावों के बीच बिजली वितरण व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। स्थिति यह हो गई है कि बिजली के आने-जाने का अब कोई समय निर्धारित नहीं रह गया है। कारण पूूछे पर कभी केबिल जल गई तो कभी फॉल्ट आ गया सरीखे जवाब मिलते हैं, लेकिन इसके चलते इस भीषण गर्मी में लोगों का बिना बिजली घरों में रहना मुश्किल हो गया है। जबकि पिछले करीब एक माह से लगभग हर दिन रखरखाव के नाम तीन से चार घंटे की बिजली कटौती की जा रही है। इसके बाद भी फाल्ट के नाम पर अघोषित कटौती होने से लोगों की स्थिति विकट होने लगी है।
अघोषित कटौती की आड़ में
सूत्रों का कहना है कि रखरखाव के नाम पर घोषित कटौती करना विभागीय बिजली बचत के कार्यक्रम का एक हिस्सा है। इसके जरिये रोजाना आपूर्ति ठप कर करोड़ों यूनिट बचत कर इसके आंकड़े को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है, ताकि मुख्यालय की नजर में उनकी तस्वीर बेहतर बनी रहे। अन्यथा रखरखाव वास्तव में किया जाता तो शहर को कंडम बिजली के ट्रांसफार्मर एवं तारों के साथ संघर्ष नहीं करना पड़ता। पिछले कई दिनों से शहर इंदिरा कॉलोनी, व्यास कॉलोनी, नया दरवाजा, काठडिय़ा का चौक, बाठडिय़ा का चौक, दिल्ली दरवाजा आदि क्षेत्रों में यही हो रहा है। यहां पर लगभग हर दूसरे दिन रात्रि में बिजली चली जाती है, और आती करीब एक घंटे या पौन घंटे के बाद। इस संबंध में अधिकारियों को फोन किया जाता है तो कोई उठाता ही नहीं है।
इस संबंध में प्रतासागर कॉलोनी के दिनेश, अनिल एवं नया दरवाजा हनुमान मंदिर के पास प्रभुराम, रामसुमेर एवं राजाराम से बातचीत हुई तो वह शहर की बिजली वितरण व्यवस्था से खासे नाराज नजर आए। इनका कहना था कि रखरखाव के नाम पर मनमर्जी से काट दी जाती है। रखरखाव का लाइसेंस लेकर पहले से घोषित रूप से बिजली की घंटो कटौती करते हैं। इसके साथ ही सामान्य दिनों में भी बिजली अक्सर गायब रहती है। कई बार तो जलापूर्ति के समय बिजली गायब होने के चलते वह पानी तक नहीं भर पाते हैं। समझ में नहीं आता है कि रखरखाव के नाम पर होता क्या हैं। ट्रांसफार्मर बदलते है या फिर नए तार लगाए जाते हैं, आदि की कोई जानकारी उपभोक्ताओं यानी कि जनता नहीं रहती है। बस रखरखाव या फॉल्ट के नाम पर कटौती जारी रहती है। अघोषित कटौती की सीमा तो डिस्कॉम ने खुद ही अनलिमटेड कर रखी है।
गर्मी में हर दिन हो रही अघोषित कटौती
अधीक्षण अभियंता कार्यालय में गत दिवस हुई बैठक में अजमेर से आए मुख्य अभियंता एम. एस. वाल्दी ने भी बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया था कि वितरण व्यवस्था को सुदृण रखी जाए। आवश्यकतानुसार ट्रांसफार्मर एवं तारों को बदला जा सकता है। इसके बाद भी ज्यादातर ट्रांसफार्मरों की स्थिति यह हो गई है कि जरा सा लोड बढ़ा नहीं तो हांफने लगे हैं। इसके चलते शहर के सघन इलाकों में लगभग रोजाना अघोषित कटौती के चलते आवासीय क्षेत्रों के साथ ही व्यवसायिक क्षेत्र न केवल परेशान हो रहा है, बल्कि व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। इसके बाद अभ्यिंताओं की फौज जांच के नाम पर केवल चेंबर्स में ही बैठ कर कागजी समीक्षा करती रहती है।
इनका कहना है…
विद्युत व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। अब तकनीकी फॉल्ट आने पर बिजली गुल होती है तो उसे तुरन्त दुरुस्त भी कराया जाता है।
सुल्तान सिंह राठौड़, अधिशासी अभियंता, अजमेर डिस्कॉम-नागौर