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कीटनाशक से किसानों को नहीं हो नुकसान, इसलिए वासुदेव ने बना दी स्वचालित फर्टिलाइजर स्प्रे मशीन

National science day : पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय नागौर के छात्र का मॉडल राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में आया प्रथम

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Vasudev made automatic fertilizer spray machine

Vasudev made automatic fertilizer spray machine

नागौर. कृषि में कीटनाशकों एवं उर्वरकों का उपयोग बढऩे के साथ हादसे भी बढऩे लगे हैं। कीटनाशक का छिडक़ाव करते समय उचित सतर्कता नहीं रखने के कारण आए दिन किसानों की मौत एवं बेहोश होने की घटनाएं होती हैं। आम तौर पर किसान कीटनाशकों का छिडक़ाव पीठ पर स्प्रे मशीन बांधकर करता है, जिससे उसके साथ दुर्घटना होने की आशंका रहती है। दूसरा विकल्प ट्रेक्टर के पीछे लगी मशीन से स्प्रे करवाया जाता है, लेकिन उसमें भी नोजल व पाइप किसान को पकडऩी पड़ती है, साथ ही थोड़ा खर्चीला भी होता है।

किसानों की इस परेशानी को देखते हुए पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय नागौर के 11वीं के छात्र वासुदेव ने शिक्षक मानिकचंद सोलंकी के निर्देशन में एक ऐसा मॉडल तैयार किया है, जिसके माध्यम से किसान मशीन से दूर रहकर अपने खेत में कीटनाशक एवं द्रव उर्वरकों का छिडक़ाव कर सकेंगे। वासुदेव ने ‘स्वचालित फर्टिलाइजर स्प्रे’ मशीन का मॉडल तैयार किया है, जिसके माध्यम से किसान कम खर्च में कीटनाशकों का छिडक़ाव बिना उसको छुए कर सकेंगे।

अब भुवनेश्वर में करेगा प्रदर्शित
पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय नागौर के प्राचार्य एमआर गुजर ने बताया कि छात्र वासुदेव ने गत 20 दिसम्बर को पीएम श्री केवी अलवर में आयोजित संभाग स्तरीय ‘राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी’ में भाग लिया, जहां उसने केवी संगठन जयपुर संभाग में प्रथम स्थान प्राप्त किया। छात्र के प्रोजेक्ट की थीम ‘कृषि’ पर आधारित थी, जिसमें उसने स्वचालित फर्टिलाइजर स्प्रे मशीन बनाई है। उससे खेतों में बहुत की कम लागत पर फर्टिलाइजर का छिडकाव बिना मशीन को छुए किया जा सकता है। वासुदेव का केन्द्रीय विद्यालय संगठन स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिता के लिए भी चयन हुआ है, जो कि अप्रेल-2024 में भुवनेश्वर, ओडिशा में आयोजित होगी।

सुवेक्षा और प्राची का ‘हाइड्रोलिक हाईवे’ जीवनदान के लिए बनेगा सार्थक

मेड़ता शहर के आदर्श नवोदय स्कूल की छात्रा सुवेक्षा और प्राची रणवां ने ‘हाइड्राेलिक हाईवे’ मॉडल तैयार किया है, जो भविष्य में हजारों जिंदगियों को जीवनदान देने में सार्थक साबित हो सकता है। बढ़ती आबादी के साथ जिस तरह वाहनों की संख्या बढ़ी है, उसी अनुपात में सड़क हादसों में भी वृद्धि हुई है। ऐसी स्थिति में छोटे शहरों से बड़े शहरों के अस्पतालों में एंबुलेंस से घायलों को भेजा जाता है। इस बीच रास्ते में आने वाली ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने में हाइड्रोलिक हाइवे एंबुलेंस, फायरब्रिगेड सहित आपात स्थिति वाले वाहनों को आगे बढ़ाने में काम आएगा। छात्राओं ने हाइड्रोलिक फुटपाथ बनाया है, जो रोड के लेवल से खुद नीचे आ जाएगा और एक अलॉर्म बजेगा, जो एंबुलेंस को फुटपाथ पर आने का साइन देगा। वाहन फुटपाथ पर आने के बाद यह वापस ऊंचा उठ जाएगा। हाइड्रोलिक हाईवे मॉडल को आधुनिक तकनीक से लैस ग्रीन कॉरिडाेर भी कहा जा सकता है।

छात्र अनिल ने बनाया सोलर से चार्ज होने वाले इलेक्ट्रिक वाहन का मॉडल
कुचामन शहर के निकटवर्ती ग्राम नालोट के सेनणा तालाब में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के कक्षा सातवीं के छात्र अनिल कुमार भींचर ने इलेक्ट्रिक वाहन को सौर ऊर्जा से चार्ज करने का माॅडल बनाया है। इस मॉडल का आइडिया विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार को भेजा था, जिसके बाद यह आइडिया भारत सरकार की ओर से चयनित भी किया। साथ ही विद्यार्थी अनिल को इंस्पायर अवार्ड के लिए चयनित किया गया। छात्र अनिल ने बताया कि किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन की छत पर सोलर प्लेट लगाकर सूर्य से बैटरी को चार्ज किया जा सकता है। ऐसे में बैटरी चार्ज करने की समस्या खत्म होने के साथ वाहन भी निरन्तर चलता रहेगा। इलेक्ट्रिक वाहनों में लगी बैटरी सूर्य से चार्ज होने पर बिजली का भार भी कम हो जाएगा। भारत आर्थिक रूप से भी समृद्ध बनेगा, जो विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में मददगार बनेगा।