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बीओटी योजना में बने गोटन-सोजत मार्ग पर दस वर्ष से बसों का इंतजार

-सरकार कर रही अनदेखी- दूरी घटी लेकिन साधन नहीं- नागौर, जोधपुर व पाली तीन जिलों के गांवों से जुड़ा होने से बेहद उपयोगी

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 बीओटी योजना में बने गोटन-सोजत मार्ग पर दस वर्ष से बसों का इंतजार

गोटन- सोजत जाने वाला टोल मार्ग

गोटन-सोजत सड़क मार्ग का निर्माण हुए दस वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन ग्रामीणों को आज भी यात्री बसों का इंतजार है। लम्बे समय से इस मार्ग पर यात्री बसों की सुविधा की अनदेखी की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को एक से दूसरे गांव से जोड़ने की मंशा से राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण लिमिटेड की ओर से बीओटी योजना के तहत गोटन से पाली जिले के सोजत तक 96 किलोमीटर की दूरी में 10 मीटर चौड़ी डामरीकृत सड़क का निर्माण करवाया गया था। इसका कार्य पूरा होने पर 11 जुलाई 2013 को इसका विधिवत उपयोग भी शुरू कर दिया गया था। इस मार्ग पर वाहन चालकों को टोल भी चुकाना पड़ता है। यह मार्ग नागौर, जोधपुर तथा पाली तीन जिलों के गांवों से जुड़ा होने से अति उपयोगी व महत्वकांक्षी मार्ग है। पूर्व में यहां से बोरून्दा जाने के लिए 35 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था, अब सीधा जुड़ने पर यहां से बोरून्दा की दूरी मात्र 25 किलोमीटर रह गई है।जोधपुर जाकर बसों से सफर
इस बहुपयोगी मार्ग को बने दस वर्ष पूर्ण होने के बाद भी गोटन सहित आस-पास के ग्रामीणों के लिए इस मार्ग पर रोडवेज व निजी बसों का संचालन अभी तक शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में पून्दलू, बोरून्दा, बिलाड़ा सोजत आदि गांवों की यात्रा के लिए ग्रामीणों को इस मार्ग से नहीं होकर पीपाड़, मेड़ता, या जोधपुर जाकर बसों से सफर करना पड़ रहा है। इससे ग्रामीणों का समय, श्रम व धन अधिक खर्च हो रहा है। यदि रोडवेज इस मार्ग पर बसों का संचालन शुरू करता है तो ग्रामीणों को यातायात की सुविधा मिलने के साथ काफी राजस्व भी मिलेगा।