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ऊलझनों में विद्युत वितरण कंपनी की लाइनें, हवा चलते ही होता है फाल्ट

बारिश के पूर्व यह हालात, मानसून आने के बाद क्या होगा

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ऊलझनों में विद्युत वितरण कंपनी की लाइनें, हवा चलते ही होता है फाल्ट

नागदा। दो दिनों पूर्व मौसम में हुए एकाएक बदलाव ने विद्युत वितरण कंपनी की पोल खोल दी। बारिश के दौरान आधा शहर अंधेरे में डूबा रहा। कई स्थानों पर विद्युत फाल्ट हुए जिन्हें खोजने में विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। दूसरी ओर फाल्ट होने पर अफसरों ने अपना पल्ला झाड़ते हुए आगामी दिनों में मेटेनेंस किए जाने की घोषण कर दी। विड़बना यह है, कि विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रतिवर्ष लाखों रुपए खर्च कर मानसून मेटेनेंस किया जाता है। लेकिन मेटेनेंस के नाम पर केवल विद्युत डीपीओ व हाइटेशन पर मौजूदा पेड़ों की शाखाओं को छाटा जाता है। मेहतवास स्थित विद्युत ग्रिड की बात की जाए तो ग्रिड सालों पुराने होने के साथ ही रिपेयरिंग की मांग कर रहा है।
समीप मंदिर मौजूदा श्रद्धालुओं में करंट का भय
एप्रोच रोड स्थित भगवान शंकर के मंदिर के समीप विविकं की डीपी है। डीपी का निचला हिस्सा जमीन से छू गया है। पूर्व में डीपी जमीनी सतह से काफी ऊपर थी, लेकिन एप्रोच रोड निर्माण के दौरान सड़क पर परत चढ़ाने के साथ ही डीपी जमीनी सतह को छूने लगी। परेशानी यह है, कि आगामी दिनों बारिश के दौरान सड़क पर जलभराव होता है। ऐसे में यदि डीपी में किसी प्रकार का कोई फाल्ट हुआ तो सोचा जा सकता है किस प्रकार की दुर्घटना होने की आशंका है। मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के मन में करंट फैलने का भय बना रहता है।

यहां ऊलझनों में है हाइटेंशन
दृश्य किल्कीपुरा स्थित खाचरौद नाके का है। क्षेत्र में कुछ माह पूर्व ही सड़क का निर्माण किया गया है। निर्माण के दौरान जिम्मेदारों स्ट्रीट लाइटों में कई बार बदलाव किए। क्षेत्र में मौजूदा डीपी को भी बदला गया। तेज हवा चलने के कारण सबसे पहले उक्त क्षेत्र में ही विद्युत फाल्ट होता है। घरेलु कनेक्शनों में उक्त तारों से ही विद्युत प्रदाय किया जाता है। यू कहा जा सकता है, यहां ऊलझनों में है हाइटेंशन। विद्युत तारों को सुव्यस्थित किए जाने को लेकर क्षेत्र के लोगों ने कई बार शिकायत की। लेकिन जिम्मेदारों से किसी प्रकार का कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका।

यहां बच्चों का घरों के बाहर खेलना मुश्किल
चित्र पुरानी नगर पालिका पहुंच मार्ग का है। क्षेत्र के लोगों के लिए विविकं द्वारा सालों पहले डीपी लगाई गई थी। डीपी समय के साथ जर्जर होती गई। मौजूदा रहवासियों के घर डीपी के समीप पहुंच गए है। क्षेत्र के रहवासियों के मन में बच्चों को बाहर खेलने छोडऩे से करंट का भय बना रहता है। सबसे अधिक डर बारिश के दिनों में होता है। क्षेत्र के लोगों को डीपी से निकलने वाली आवाजों से भी डर लगता है।

इनका कहना-
नियमावली बनाई जा रही है, आगामी दिनों में शहर में मेटेनेंस शुरु कर दिया जाएगा। वरिष्ठों से चर्चा कर रुट प्लान व एरिया के अनुसार कटौती कर मेटेनेंस किया जाएगा। संभवत: सुबह के समय ही मेटेनेंस कार्य किया जाएगा जिससे रहवासियों को गर्मी से परेशान नहीं होना पड़े।
हिमांतसिंह चौहान
एइ, विविकं