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खौफ के साए में नौनिहाल! जर्जर भवन के नीचे बैठकर भविष्य गढ़ रहे बच्चे, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

Narayanpur News: राज्य सरकार भले ही बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए तमाम योजनाएं चला रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट नजर आ रही है।

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खौफ के साए में नौनिहाल (फोटो सोर्स- पत्रिका)

खौफ के साए में नौनिहाल (फोटो सोर्स- पत्रिका)

CG News: राज्य सरकार भले ही बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए तमाम योजनाएं चला रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट नजर आ रही है। जिला मुख्यालय से लगभग 43 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत छोटेडोंगर के आश्रित ग्राम मुण्डाटिकरा में संचालित शासकीय उच्च प्राथमिक शाला मुण्डाटिकरा और ज्ञान ज्योति शाला गुढ़ापारा के बच्चे जर्जर स्कूल भवनों के नीचे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं।

इन स्कूलों के भवनों की हालत पिछले एक वर्ष से अत्यंत दयनीय बनी हुई है। छत से प्लास्टर झड़ चुका है, सरिया खुलकर बाहर आ गए हैं और दीवारों में लंबी-लंबी दरारें पड़ चुकी हैं। बारिश के दिनों में तो हालात और भी बदतर हो जाते हैं—छत टपकने लगती है, जिससे बच्चों की कॉपियां, किताबें और स्कूल ड्रेस तक भीग जाती हैं।

असुरक्षित माहौल में शिक्षा

इन खतरनाक हालातों में शिक्षक भी जान हथेली पर रखकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं, जबकि बच्चे खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। यह स्थिति बच्चों की शिक्षा में बाधा बन रही है और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है।

मांग: जल्द हो कार्रवाई

ग्रामीणों और अभिभावकों ने मांग की है कि संबंधित विभाग तत्काल प्रभाव से स्कूल भवन की मरम्मत या पुनर्निर्माण कराए, ताकि बच्चों को सुरक्षित और अनुकूल वातावरण में शिक्षा प्राप्त हो सके। बच्चों का भविष्य दांव पर है, और इसे नजरअंदाज करना समाज के साथ अन्याय होगा।

प्रशासन बना है मौन दर्शक

शिक्षकों द्वारा कई बार शिक्षा विभाग को इस गंभीर स्थिति से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि शिक्षा विभाग किसी बड़ी दुर्घटना की प्रतीक्षा कर रहा है। यदि समय रहते जर्जर भवन की मरम्मत नहीं कराई गई, तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।