
बारिश में उजड़ गया शिक्षा का आशियाना (फोटो सोर्स- पत्रिका)
Heavy Rain: ब्लॉक के माध्यमिक शाला जाड़ेकुर्से का स्कूल भवन शुरुआती बारिश में ही बुरी तरह से लीक करने लगा है। भवन की छत और दीवारों से लगातार पानी सीप रहा है। इससे स्कूल में पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। स्कूल में पढ़ने वाले 110 बच्चे रोजाना परेशानी झेल रहे हैं।
माध्यमिक शाला जाड़ेकुर्से में कुल तीन कक्ष हैं। तीनों कक्षों की छत चारों तरफ से टपक रही है। बरसात होते ही छत से पानी गिरने लगता है। नीचे जमीन गीली हो जाती है। ऐसे में बच्चों का बैठना मुश्किल हो जाता है। बच्चे सुबह बारिश में भीग कर स्कूल आते हैं और यहां भी सूखने की जगह नहीं मिलती।
स्कूल का बरामदा भी पानी से पूरी तरह भीग चुका है। बरसात में बरामदे की छत से भी पानी टपकता है। कहीं बैठने की जगह नहीं बची है। बच्चे मजबूरी में गीली जमीन पर खड़े होकर समय गुजार रहे हैं। न तो पढ़ाई हो पा रही है। न ही बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो पा रही है। शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सतीश जैन ने बताया कि स्कूल भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। छत और दीवारों से लगातार सीपेज हो रही है।
उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले भवन की मरमत के लिए राशि आई थी। खंड शिक्षा अधिकारी और प्राचार्य ने मिलकर उस राशि से हाईस्कूल के अतिरिक्त कक्ष की मरमत करा दी। जबकि मरमत की सबसे ज्यादा जरूरत माध्यमिक शाला भवन को थी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की इस लापरवाही का खामियाजा अब 110 बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।
ग्रामीणों और अभिभावकों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि माध्यमिक शाला जाड़ेकुर्से के लिए नया भवन मंजूर किया जाए। जब तक नया भवन नहीं बनता, तब तक बच्चों के लिए किसी वैकल्पिक स्थान पर पढ़ाई की व्यवस्था की जाए। लोगों का कहना है कि शिक्षा बच्चों का अधिकार है। बारिश में भीगकर, गीली जमीन पर बैठकर पढ़ाई कराना एक गंभीर लापरवाही है। अगर समय रहते व्यवस्था नहीं हुई, तो बच्चों का पूरा शैक्षणिक सत्र प्रभावित हो जाएगा।
सिर्फ बच्चों को ही नहीं, शिक्षकों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षक कक्ष भी पूरी तरह से लीक कर रहा है। छत से पानी गिर रहा है। फर्श पूरी तरह भीग चुका है। शिक्षक न तो आराम से बैठ पा रहे हैं और न ही शिक्षण कार्य ठीक से कर पा रहे हैं। माध्यमिक शाला जाड़ेकुर्से के प्रधानपाठक देवल कोसमा ने बताया कि स्कूल भवन जर्जर हालत में है।
बारिश के समय पूरा स्कूल टपकने लगता है। बच्चे गीली जमीन पर बैठ नहीं सकते। ठंड और नमी के कारण छोटे बच्चों की तबियत भी खराब हो रही है। उन्होंने बताया कि लगातार चार महीने तक इस भवन में कक्षाएं चलाना संभव नहीं है। इस बारे में उच्च अधिकारियों को जानकारी भेज दी गई है।
Published on:
09 Jul 2025 01:28 pm
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