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मंगलवारा घाट पर श्रद्धालुओं को पेयजल भी नसीब नहीं, गंदगी के बीच होता मृत आत्माओं के मोक्ष की पूजापाठ

नर्मदापुरम. धर्मग्रांथों में मानव मृत आत्मा को कर्मकांड के जरिए नर्मदा किनारे मोक्ष मिलने की मान्यता है। इसके लिए नर्मदा के मंगलवारा घाट पर शहर सहित दूर दराज से बढ़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। अपने परिजनों और पितरों के मोक्ष की पूजा-पाठ कराने आए श्रद्धालुओं को पीने के लिए पानी तक नहीं मिलता है। पेयजल टंकी और नलों में गंदगी जमा हो गई है। घाट पर जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा है। महिला स्नानर्थियों के लिए बनाए गए चेजिंग रूम एक कोने में हैं। लापरवाह नगरपालिका श्राद्धकर्म के इस प्रमुख घाट की तरफ

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मंगलवारा घाट पर श्रद्धालुओं को पेयजल भी नसीब नहीं, गंदगी के बीच होता मृत आत्माओं के मोक्ष की पूजापाठ

नर्मदापुरम. धर्मग्रांथों में मानव मृत आत्मा को कर्मकांड के जरिए नर्मदा किनारे मोक्ष मिलने की मान्यता है। इसके लिए नर्मदा के मंगलवारा घाट पर शहर सहित दूर दराज से बढ़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। अपने परिजनों और पितरों के मोक्ष की पूजा-पाठ कराने आए श्रद्धालुओं को पीने के लिए पानी तक नहीं मिलता है। पेयजल टंकी और नलों में गंदगी जमा हो गई है। घाट पर जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा है।

जानकारी के मुताबिक वार्ड क्रमांक दो स्थित मंगलवारा घाट श्राद्धकर्म की पूजा पाठ करने के लिए कोई स्थान नहीं है। किसी श्रद्धालु ने घाट पर दो सीमेंट के शेड बना दिए हैं, लेकिन देखरेख के अभाव में वह भी जर्जर हो गए हैं। बारिश होते ही शेड की छत से पानी टपकने लगता है। पेयजल के लिए बनाई गई टंकी महीनों से साफ नहीं हुई है। इसके जरिए नलों पानी के गंदगी आती है। इस कारण पूजा पाठ कराने करने आए श्रद्धालुओं को पेयजल के लिए आसपास के घरों से पानी लेना पड़ता है। नपा का सफाई अमले द्वारा नियमित सफाई नहीं करने के कारण घाट के फर्श और सीढिय़ों पर कचरा जमा हो गया है। दिनभर यहां जानवर घूमते रहते हैं। बदबू और मच्छरों के कारण घाट पर बैठना मुश्किल हो गया है। महिलाओं के लिए घाट पर चार चेजिंग रूम लगाए गए थे, लेकिन इन्हें घाट से हटाकर ऊपर कबाड़ की तरह पटक दिया गया है।

न शौचालय न सामान रखने की स्थान
घाट पर दूर शहरों से आने वाले श्रद्धालुओं को घाट पर पूजन सामग्री और अन्य सामान रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। शेड में बने सीमेंट की छोटी-छाटी अलमारियों में सीढऩ के कारण सामग्री खराब हो जाती है। घाट पर श्रद्धालुओं के लिए कोई शौचालय आदि भी नहीं है। इस कारण श्रद्धालुओं को परेशानी होती है। दूर बने शौचालय का उपयोग करना श्रद्धालुओं के लिए परेशानी बन जाता है।

- श्राद्ध पक्ष में बढ़ेगी श्रद्धालुओं की संख्या
श्राद्धपक्ष शुरू होते ही मंगलवारा घाट पर पितरों के मोक्ष के लिए कर्मकांड और अनुष्ठान कराने दूर शहरों से भी श्रद्धालुु आएंगे। घाट पर पेयजल, साफ-सफाई नहीं होने के कारण उन्हें पूजापाठ सपन्न कराने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

इनका कहना है
मंगलवारा घाट पर सफाई अमला क्यों नहीं जाता है। इसकी जानकारी ले रहा हूं। वहां पर श्रद्धालुओं के लिए हर सुविधाएं जुटाई जाएंगी। साफ-सफाई के लिए मुहीम चलाएंगे।
नवनीत पांडे, सीएमओ नगर पालिका नर्मदापुरम

क्या कहते हैं घाट के पंडि़त
घाट पर श्रद्धालुओं के लिए कोई व्यवस्थाएं नहीं हैं। सफाई भी नहीं हो रही है। इसलिए हमने रोजाना साफ-सफाई शुरू कर दी है।
पं. लक्ष्मी नारायण तिवारी , श्राद्धकर्म विशेषज्ञ

- सुविधाएं नहीं होने के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी होती है। नगर पालिका को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
पं, मधुर तिवारी, श्राद्धकर्म विशेषज्ञ