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पुरातत्व विभाग का डिजिटल इंडिया का प्रयोग सैलानियों की मुसीबत

आदमगढ़ पहाड़ी घूमने बारकोड से नहीं हो रहा शुल्क का भुगतान, लौट रहे पर्यटक

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पुरातत्व विभाग का डिजिटल इंडिया का प्रयोग सैलानियों की मुसीबत

पुरातत्व विभाग का डिजिटल इंडिया का प्रयोग सैलानियों की मुसीबत

नर्मदापुरम/पुरातत्व की संरक्षित आदमगढ़ पहाडिय़ा घूमने के लिए पर्यटकों की सुविधा के लिए ऑनलाइन प्रवेश शुल्क की व्यवस्था की गई है। लेकिन विभाग द्वारा दिए बारकोड से ऑनलाइन शुल्क जमा नहीं हो रहा है। नतीजा हर दिन बड़ी संख्या में पर्यटक वापस लौट रहे हैं। जानकारी के मुताबिक पुरातत्व विभाग ने शैलचित्रों को देखने के लिए पहुंचने वालों की सुविधा के लिए डिजिटल इंडिया का प्रयोग कर प्रवेश शुल्क ऑनलाइन कर दिया है। यहां 20 रुपए प्रति सैलानी शुल्क किया जाता है। तकनीकी खराबी के कारण बारकोड स्कैन करने में परेशानी आ रही है। बारकोड स्कैन हो भी जाए तो ऐप से ऑनलाइन टिकट नहीं निकलता। पूर्व में यहां कैश जमा करके पर्यटकों को टिकट मिलते थे बाद में डिजिटल इंडिया की अवधारणा के तहत यहां प्रवेश शुल्क ऑनलाइन कर दिया है।

सालभर में तीस हजार पर्यटक करते हैं विजिट
पुरातत्व की आजमगढ़ पहाड़ी पर विजिट करने वालों की संख्या भी कम नहीं है। विभाग के मुताबिक सालभर में इस पहाड़ी पर लगभग तीस हजार पर्यटक आते हैं। इन सभी से प्रवेश शुल्क लिया जाता है। इससे विभाग को भी मोटी आय होती है। यहां पहुंचने वाले पर्यटकों ने बताया कि मैनुअली टिकट सिस्टम ठीक था। बारकोड से स्कैन कर प्रवेश शुल्क जमा करना बहुत मुश्किल है। एक-एक घंटा मेहनत करने के बाद भी टिकट नहीं निकलता। इसमें सुधार जरूरी है।
मैंने मोबाइल से बारकोड स्कैन करने के लिए कई बार प्रयास किया लेकिन प्रवेश शुल्क जमा नहीं हुआ। इस कारण मुझे बगैर विजिट करेंगी वापस लौटना पड़ा है।

इनका कहना है
डिजिटल इंडिया के तहत आदमगढ़ की पहाड़ी पर ऑनलाइन प्रवेश शुल्क जमा करने की व्यवस्था की गई है। तकनीकी समस्या के कारण टूरिस्ट परेशान होते हैं लेकिन हमारे कर्मचारियों ने गाइड करते रहते हैं। मैनुअली टिकट की व्यवस्था करना हमारे हाथ में नहीं है।
दीक्षांत चावड़े, सीए पुरातत्व विभाग जबलपुर जोन