
स्कूलों में नहीं विज्ञान के शिक्षक कैसे तैयार होंगे बाल वैज्ञानिक
नर्मदापुरम. जिले के सरकारी स्कूलों में कुल 63 स्कूल ऐसे हैं जिनमें विज्ञान संकाय की पढ़ाई होती है। हालात यह है कि इन स्कूलों में विज्ञान के शिक्षकोंं के 50 फीसदी से ज्यादा पद खाली है। बिना विज्ञान के शिक्षकों की वजह से स्कूलों में बाल वैज्ञानिक कैसे तैयार होंगे। जिले में सबसे ज्यादा कमी रसायनशास्त्र और भौतिकशास्त्र के शिक्षकों की है। जिले में रसायनशास्त्र, भौतिकशास्त्र और जीव विज्ञान के शिक्षकों के कुल 2014 पद स्वीकृत हैं जबकि कुल 101 शिक्षक ही जिले में पदस्थ हैं। ऐसे में अब जहां स्थायी शिक्षक नहीं है वहां विभाग अतिथि शिक्षकोंं के भरोसे व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहा है।शिक्षकों की फैक्ट फाइल
विषय - स्वीकृत - पदस्थ - रिक्तभौतिकशास्त्र - 63 - 29 - 34
रसायनशास्त्र - 65 - 27 - 38जीव विज्ञान - 83 - 45 - 38
बालिकाओं की विज्ञान में ज्यादा रुचिमुख्यालय के कन्या उमावि और एसएनजी बालक उमावि की स्थिति से साफ है कि बालकों के मुकाबले बालिकाओं में विज्ञान को लेकर रुचि ज्यादा है। यही कारण है कि इन स्कूलों में बालकों के मुकाबले बालिकाओं की संख्या 4 गुना अधिक है।
ऐसे हैं स्कूलों के हालएसएनजी बालक उमावि
दर्ज विद्यार्थी - 22(11वीं व 12वीं)स्थिति - स्कूल में तीनों विषयों के शिक्षक पदस्थ हैं। तीनों विषयों की प्रयोगशालाएं हैं। हालांकि बच्चे कम होने की वजह से शासन की इन सुविधाओं का उपयोग नहीं हो पा रहा है।
कन्या उमावि दर्ज विद्यार्थी - 92 (11वीं व 12वीं)
स्थित- स्कूल में तीनों विषयों के शिक्षक पदस्थ हैं। तीनों विषयों की प्रयोगशालाएं भी हैं। बालिकाओं की संख्या अधिक होने से प्रयोगशालाओं को उपयोग भी हो रहा है। हालांकि अभी स्कूलों में वार्षिक परीक्षाएं नजदीक होने से प्रयोगशालाएं बंद हैं।इनका कहना है
स्कूलों में नियमित शिक्षक पदस्थ नहीं होने पर अतिथि शिक्षक नियुक्त किए जाते हैं। किसी भी स्कूल मेें इससे पढ़ाई प्रभावित नहीं हो रही है।राजेश गुप्ता, एडीपीसी
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Published on:
27 Feb 2023 11:27 pm
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