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स्टूडेंट्स करें ऐसे कोर्स जिसमें नौकरियों की अधिक संभावना, इसमें बच्चों की पसंद भी जरूरी

अब समय वह नहीं रहा जिसमें सादी पढ़ाई या सिर्फ ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन कर लिया जाए, नई शिक्षा नीति में काफी बदलाव हो गए हैं, जिसमें स्टूडेंट्स को संकाय का बंधन भी खत्म हो गए है। इस कारण बच्चे वही कोर्स करें, जिसमें नौकरियों की अधिक संभावना है, ताकि बच्चों का भविष्य बेहतर बन सके।

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स्टूडेंट्स करें ऐसे कोर्स जिसमें नौकरियों की अधिक संभावना, इसमें बच्चों की पसंद भी जरूरी

स्टूडेंट्स करें ऐसे कोर्स जिसमें नौकरियों की अधिक संभावना, इसमें बच्चों की पसंद भी जरूरी

आजकल समय के साथ साथ पढ़ाई का तरीका भी बदल गया है, अब जरूरी नहीं की 12 वीं के बाद आप यूजी, पीजी करें, आप सीधे अन्य कोर्सेस भी कर सकते हैं, लेकिन उन्हें करने से पहले आप अपनी रूचि का ध्यान भी रखें, कहीं ऐसा न हो कि आपकी रूचि उस विषय में नहीं है और आप कर रहे हैं, अगर आप अपनी रूचि को ध्यान में रखते हुए वह कोर्स करेंगे, जिसमें रोजगार की अधिक संभावना है तो आप निश्चित ही सफलता पा सकते हैं, वर्तमान में ऐसे कई कोर्सेस हैं, जिसमें या तो बेहतर जॉब मिल सकती है और अगर जॉब अच्छी नहीं मिलती है तो आप खुद भी उससे जुड़ा काम शुरू कर सकते हैं, जिससे आपको घर बैठे भी बेहतर कमाई हो सकती है। ये खुद लीड कॉलेज प्रिंसिपल का भी मानना है। ताकि स्टूडेंट्स को वह पढ़ाई या कोर्स जीवन भर काम आए।

रा ष्ट्रीय शिक्षा नीति में पुरानी शिक्षा पद्धति और पाठ्यक्रम में कई बदलाव हुए है। ये बदलाव छात्र-छात्राओं के लिए ज्यादा लाभदायक हैं। अब बच्चे पारंपरिक पाठ्यक्रमों के ज्यादा ऐसे पाठ्यक्रमों में रुचि ज्यादा ले रहे हैं, जिनमें रोजगार मिलने की संभावनाएं ज्यादा हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शुरू हुए नए पाठ्यक्रमों की ओर बच्चों का रुझान ज्यादा दिखाई दे रहा है।

किस तरह के पाठ्यक्रमों में बच्चों की रुचि ज्यादा है?

: अभी रेशम , मशरूम उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण इकाई, जैविक खेती, मत्स्य पालन, प्राकृतिक खेती जैसे नए पाठ्यक्रमों में बच्चों की रुचि ज्यादा दिखाई दे रही है।

संकाय का बंधन खत्म होने से बच्चों को क्या फायदा मिलेगा?

: अब बच्चों को लिए संकाय का बंधन खत्म हो गया है। इसका फायदा यह होगा कि अब किसी भी संकाय का विद्यार्थी किसी अन्य संकाय के विषयों की भी पढ़ाई कर सकता है।

आधार पाठ्यक्रमों में ओरएमआर शीट की अनिवार्यता क्या जरूरी है?

: आधार पाठ्यक्रमों में ओएमआर शीट और वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की वजह से छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी मदद मिलती है। इस वजह से यह अनिवार्यता तो बेहद जरूरी है।

कॉलेजों में कम्प्यूटर से संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश की स्थिति कैसी है?

: अब कॉलेजों में कम्प्यूटर ज्ञान के साथ ही वेब डिजायनिंग, साइवर सुरक्षा सहित कई नए तरह के कोर्स शुरू हुए हैं। इन कोर्स में भी प्रवेश की स्थिति अन्य नए पाठ्यक्रमों की तरह ही बेहतर ही है।