जिले में नर्मदा और तवा के किनारे के मीठे-रसीले तरबूजों की थोक फल मंडी में बंपर आवक हो रही है। रोजाना पचास से अधिक गाडिय़ों से तरबूज की खेप लेकर किसान थोक व्यापारियों को बेचने आ रहे हैं। किसानों के अनुसार इस बार तरबूज की अच्छी पैदावार है, लेकिन खरबूज कम मात्रा में निकल रहा है। इसलिए मंडी में यह नहीं आ रहा। गर्मी के मौसम में लोगों को तरबूज तपन-उमस से राहत दे रहा है। इसके मीठे स्वाद के कारण इसकी खासी मांग है। मंडी के व्यापारियों के जरिए जिले एवं प्रदेश के बाहर के राज्यों में भी बड़े व्यापारी अपने यहां तरबूज की गाडिय़ां बुला रहे हैं।
इन क्षेत्रों में पहुंच रहा तरबूज
फल मंडी के थोक व्यापारी घूडऩ बाबा ने बताया कि जिले के नर्मदा-तवा नदी के किनारे व केसला-सुखतवा में डंगरबाडिय़ों के तरबूज की मांग प्रदेश के राजगढ़, ब्यावरा, छतरपुर, टीकमगढ़, भोपाल-इंदौर के साथ यूपी में भी है। यूपी के झांसी, इटावा, महोबा और एटा तक तरबूज की खेप पहुंचाई जा रही है।
इसलिए कर रहे पसंद
किसानों एवं व्यापारियों के अनुसार नर्मदापुरम के तरबूज फल को गर्मी में इसलिए पसंद किया जा रहा क्योंकि ये बेहद लाल होने के साथ स्वाद में मीठा-रसीला होता है। इसके सेवन से तपन-उमस से राहत, तरावट मिलती है। स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसके दाम भी 20 रुपए किलो हैं, इसलिए लोग इसे आसानी से खरीद रहे हैं। नर्मदा के तरबूज को महत्व दिया जाता है।
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किसान बोले- अच्छे दाम मिल रहे
सुखतवा से आए किसान रमेश ने बताया कि उनकी इस बार की तरबूज डंगरबाड़ी में फसल अच्छी निकली है। वे रोजाना गाड़ी से तरबूज को बेचने थोक फल मंडी नर्मदापुरम में आ रहे हैं। डंगरबाड़ी खेती कभी घाटा कभी मुनाफा की रहती है। बीते बीते दो साल से कोरोना संक्रमण के लॉकडाउन के कारण घाटा झेलना पड़ा था, लेकिन इस बार के सीजन में तरबूज के अ’छे दाम मिल रहे हैं। डांडीवाड़ा के विशन, विष्णु ने बताया कि वह तरबूज की खेती करते हैं। इस बार अच्छी पैदावार होने से इसकी मंडियों में आवक के साथ दाम भी अच्छे मिल रहे हैं। माल-भाड़ा की कोई समस्या नहीं है।