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राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ानी होगी

नर्मदापुरम. राजनीति में तभी सुधार आएगा, जब नागरिक राजनीतिक प्रक्रियाओं में सक्रिय भूमिका निभाएं। पत्रिका जनप्रहरी अभियान का ध्येय नागरिकों की भागीदारी से नेतृत्व का निर्माण करना है। इसी अभियान के तहत रविवार को नर्मदापुरम में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में समाजसेवी महिलाओं ने शिरकत की। महिलाओं ने वर्तमान राजनीति, महिलाओं की भूमिका और उसमें सुधार को लेकर बेबाकी से अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि देश के विकास और सशक्त सरकार बनाने में महिलाओं की अहम भूमिका है। राजनीति में अभी महिलाओं का उतना प्रतिशत नही

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जनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ानी होगी

नर्मदापुरम. राजनीति में तभी सुधार आएगा, जब नागरिक राजनीतिक प्रक्रियाओं में सक्रिय भूमिका निभाएं। पत्रिका जनप्रहरी अभियान का ध्येय नागरिकों की भागीदारी से नेतृत्व का निर्माण करना है। इसी अभियान के तहत रविवार को नर्मदापुरम में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में समाजसेवी महिलाओं ने शिरकत की।

अंजना स्वर्णकार ने कहा कि शसक्त नारी सशक्त भारत की पहचान है। आज महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं। समाज के साथ देश में अच्छी सरकार बनाने के लिए वे क्या सही है, क्या गलत इसका आकंलन कर सकती हैं। रिचा ठाकुर ने कहा कि अत्मनिर्भर भारत में महिलाओं की भूमिका उल्लेखनीय है। हमें चुनाव में अपना मत अवश्य देना चाहिए। इसके अलावा हर महिला को मतदान के प्रेरित करना चाहिए। रेखा रतनानी ने कहा कि मतदान हमारा अधिकार है। लोकतांत्रिक देश में सभी को यह अधिकार मिला है। हमारा एक वोट देश को अच्छी सरकार देगा। प्रेरणा गार्गव ने कहा कि राजनीति में पढ़ी लिखी महिलाओं को आगे आना चाहिए। मतदाता जगरूक होगा तो ही सरकार में हमारा प्रतिनिधित्व करने वाले का सही चयन होगा। मतदान करो और दूसरों को प्रेरित करो। वर्षा जैन ने कहा कि हम मतदान करेंगे और दूसरों को मतदान कराने के लिए प्रयास करेंगे।

महिलाओं को भी निभानी होगी अपनी भूमिका
सशक्त भारत में सशक्त सरकार बनाने के लिए सभी लोग मतदान करेे। महिलाओं को भी इसमें भागीदारी निभानी होगी। आज भी राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बहुत कम है। इसके बढ़ाने के लिए महिलाओं को मतदान के लिए प्रेरित करेंगे।
-वंदना समैया, समाजसेवी

- वोटिंग में महिलाओं का प्रतिशत बढऩा चाहिए। इसके लिए जगरूकता लाना है। हम महिलाओं को उनके अधिकरों की जानकारी देते हैं। महिलाओं को समझना होगा कि उनका एक वोट कितना कीमती है। इसके लिए चुनाव के पहले एक अभियान भी चलाएंगे।
-श्वेता जैन, समाजसेवी

-आज समय बदल गया है। महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं। राजनीतिक दलों को भी चाहिए कि वे महिलाओं को अधिक भागीदारी का मौका दें। महिलाओं को भी आगे आगर अपने हक के लिए आवाज उठानी होगी। युवा और शिक्षित महिलाओं को राजनीति में भी भागीदारी निभानी होगी।
-स्मिता सिंह तोमर, समाजसेवी

- भारत लारेक तांत्रिक देश हे। इसमें सभी को समान अधिकार दिए गए हैं। महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे आना चाहिए। चुनाव लोकतंत्र का उत्सव है। इसमें शामिल होकर हम देश के नागरिक होने का परिचय देते हैं। मतदान के लिए सभी को लगातार जागरूक कर रहे हैं।
चित्रा हर्णे समाजसेवी