
new education policy: उच्च शिक्षा विभाग ने मौजूदा साल से एक ऐसा नियम लागू कर दिया है। इसके कारण बीएससी (BSc), बीकॉम (BCom) के विद्यार्थी संकट में आ जाएंगे। दरअसल, नए नियमों के अनुसार साइंस, वाणिज्य संकाय से स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले विद्यार्थी किसी भी मानविकी विषय में एमए नहीं कर सकेंगे।
उन्हें उन्हीं विषयों में स्नातकोत्तर की डिग्री लेनी होगी। जो उन्होंने बीएससी, बीकॉम की कक्षाओं में पढ़े हैं। जानकारों के अनुसार इस नियम से सबसे ज्यादा औसत दर्जे के या कमजोर विद्यार्थी प्रभावित होंगे। प्रवेश की नई गाइडलाइन ने विद्यार्थियों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। गाइडलाइन के अनुसार बीकॉम, बीए, बीएससी स्तर में विद्यार्थी जिन महत्वपूर्ण विषयों को चुनेंगे, उन्हीं में उन्हें स्नातकोत्तर में विशेषज्ञता हासिल करनी होगी।
उदाहरण के लिए बीए में यदि कोई हिंदी साहित्य, राजनीतिक विज्ञान, इतिहास विषय का चयन करता है तो उसे इन्हीं तीन विषयों में एमए करने की पात्रता होगी। इसी तरह के नियम बीएससी, बीकॉम पर भी लागू होंगे। स्नातक स्तर पर पढ़े विषयों से इतर अन्य विषयों या संकाय के विद्यार्थियों को एमए करने की अब पात्रता नहीं होगी। ज्ञात हो वर्ष 2025 में लागू नए नियम के पूर्व बीए पास कोई भी छात्र किसी भी मानविकी विषय को लेकर मास्टर ऑफ आर्ट एमए कर सकता था। नई शिक्षा नीति में इस छूट को समाप्त कर दिया गया है। कुल मिलाकर 12वीं के बाद विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर कक्षा को ध्यान में रखकर रुचि अनुसार, सोच, समझकर विषय का चयन करना होगा।
नए नियम में स्पष्ट है कि 2021 से पहले जिन विद्यार्थियों ने स्नातक कक्षा में प्रवेश लिया है या पूरा कर लिया है, उन्हें परेशानी नहीं होगी। पुरानी शिक्षा नीति के विद्यार्थी एमए, एमएससी या एमकॉम के किसी भी स्पेशलाइजेशन में प्रवेश ले सकेंगे।
2021 में नई शिक्षा नीति लागू हुई है। उसके बाद से यूजी की दो बैच थर्ड ईयर की पढ़ाई कर पास आउट हो चुके है। इस बार थर्ड ईयर की परीक्षा दे चुके या पास हो चुके हजारों छात्रों के सामने यह नया संकट आ गया है। बताया जा रहा है कि इस नए नियम को बदलने के लिए प्रदेश के कई शिक्षाविदों ने उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है। तर्क दिया जा रहा है कि नया नियम छात्रों के भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। जिले के सभी सरकारी व निजी महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए पंजीयन जारी है। यह 30 मई तक चलेंगे। बताया गया कि 5 जून को पहली कट ऑफ लिस्ट आएगी।
नरसिंहपुर केअग्रणी पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के प्राचार्य डॉ. आरबी सिंह ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पालन में प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने इस साल से स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश संबंधी नियम लागू किए हैं। अब विद्यार्थी को स्नातकोतर में उन्हीं विषयों में प्रवेश लेने की पात्रता होगी। जिसमें उसने स्नातक किया है।
Updated on:
22 May 2025 02:30 pm
Published on:
22 May 2025 02:29 pm
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