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शिशु मंदिर में गौ पूजन एवं गोष्ठी संपन्न

गाय की सेवा करने का अर्थ है मूक प्राणियों के जीवन की रक्षा करना

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Gao Poojan and Sammelan held in Shishu Mandir

Gao Poojan and Sammelan held in Shishu Mandir

गाडरवारा। गुरुवार को गोपाष्टमी पर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर विद्यालय मे सर्व कल्याणकारी जगन माता, गौमाता का पूजन विधि विधान से गरिमापूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। इसमें सभी भैया बहिन, आचार्य व समिति परिवार व आमंत्रित परम गौ भक्तों द्वारा गौ माता का पूजन किया गया। इस अवसर पर गौ-हित होने वाले कार्यो के लिए पांच हजार रुपए की राशि एकत्र की गई। वहीं गौ संवर्धन व संरक्षण विषय पर आयोजित गोष्ठी में विद्यालय के विद्यार्थियंों सहित क्षेत्र में संचालित गौ शालाओ के संचालक उपस्थित रहे। इस मौके पर श्रीदेव राम जानकी गौशाला के संचालक महंत बालकदास जी ने कहा आज का दिन हमारी संस्कृति एवं गौ भक्तों के लिए परम सौभाग्य का दिन है। द्वापर युग में आज ही के दिन भगवान श्रीकृष्ण अपने बाल स्वरूप में गौ चरण के लिए गायों को वन में लेकर गए थे। उसी की स्मृति में गोपाष्टमी मनाई जाती है, यह बड़ा मंगलकारी दिन है। जिले की सबसे बड़ी दयोदय गौशाला के अध्यक्ष राजीव जैन ने कहा मूक प्राणी जो बोल नहीं सकते, उनका प्रतिनिधित्व गौ माता करती है। गाय की सेवा करने का अर्थ है मूक प्राणियों के जीवन की रक्षा करना। जैन ने इस दौरान अपने अनुभव भी बच्चों से साझा किए। देव किशन सोनी ने कहा गोपाष्टमी पर किया जाने वाला दान हमारे पुण्य की अक्षय निधि है। कार्यक्रम में विद्यालय के व्यवस्थापक अशोक मौलासरिया, प्राचार्य दिनेश शर्मा सहित विद्यालय परिवार की उपस्थिति रही। कार्यक्रम संचालन प्रधानाचार्य बसंत जोशी ने किया। श्रीदेव राम जानकी गौशाला के संचालक महंत बालकदास जी ने कहा आज का दिन हमारी संस्कृति एवं गौ भक्तों के लिए परम सौभाग्य का दिन है। द्वापर युग में आज ही के दिन भगवान श्रीकृष्ण अपने बाल स्वरूप में गौ चरण के लिए गायों को वन में लेकर गए थे। उसी की स्मृति में गोपाष्टमी मनाई जाती है, यह बड़ा मंगलकारी दिन है। जिले की सबसे बड़ी दयोदय गौशाला के अध्यक्ष राजीव जैन ने कहा मूक प्राणी जो बोल नहीं सकते, उनका प्रतिनिधित्व गौ माता करती है। गाय की सेवा करने का अर्थ है मूक प्राणियों के जीवन की रक्षा करना। जैन ने इस दौरान अपने अनुभव भी बच्चों से साझा किए। देव किशन सोनी ने कहा गोपाष्टमी पर किया जाने वाला दान हमारे पुण्य की अक्षय निधि है।