
central jail narsinghpur
अजय खरे. नरसिंहपुर.यहां की सेंट्रल जेल में विभिन्न आपराधिक प्रकरणों में सजा काट रहे कैदी इस समय देश को कोरोना के संक्रमण से बचाने की दिशा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं । जेल के लगभग 25 कैदी दिन रात कोरोना से बचाव के लिए उपयोग किए जाने वाले सूती कपड़े के मास्क तैयार करने में जुटे हैं। मेडिकल कॉलेज जबलपुर ने जेल प्रशासन को 2000 मास्क तैयार कर भेजने का आर्डर दिया है ।जानकारी के मुताबिक सेंट्रल जेल नरसिंहपुर में 6 पावर लूम लगे हुए हैं। जिनकी मदद से कैदियों के पहनने के लिए कुर्ता पायजामाए टोपीए अंडरवियरए तौलिया व अन्य वस्त्र तैयार किए जाते हैं। इन्हें सेंट्रल जेल के अधीन अन्य जिलों की 8 जेलों में सप्लाई किया जाता है। जब देश पर कोरोना जैसी महामारी का संकट आया तो यहां यह सब चीजें बनाना बंद कर दी र्गइं और अब दिन रात सिर्फ मास्क बनाने का काम किया जा रहा है । बंदी इतनी मेहनत से मास्क बना रहे हैं कि कई बंदी तो कंधे दुखने तक की शिकायत करने लगे हैं लेकिन इसके बावजूद देश पर संकट की इस घड़ी में अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हट रहे। उनका सिर्फ एक ही मकसद है ्ययादा से ्ययादा मास्क बना कर लोगों को उपलब्ध करा सकें ताकि लोगों को इस महामारी के संक्रमण से बचाया जा सके।
यहां तैयार किए गए मास्क कोरोना से बचाव में लगे जिला प्रशासन के अमले को ए पुलिस जवानों कोए स्वास्थ्य कर्मियों कोए जरूरतमंद आम आदमी को और अस्पताल को उपलब्ध कराए जा रहे हैं । जेल अधीक्षक शेफाली तिवारी ने बताया कि देश में कोरोना के दस्तक देने के बाद 8 मार्च से मास्क बनाने का काम लगातार चल रहा है। 14 मार्च से यह काम बहुत तेजी से किया जाने लगा। मेडिकल कॉलेज ने जो आर्डर दिया है उसमें लंबे धागे वाले मास्क बनाने को कहा है ताकि उन्हें आसानी से बांधा जा सके । पूर्व में जो मास्क बनाए गए थे उनकी डोरी को कान के पीछे से बांध लिया जाता था। बहरहाल यहां के कैदी संकट की इस घड़ी में अपने देशवासियों को कोरोना महामारी से बचाने में अपना योगदान दे रहे हैं । बताया गया है कि यहां जो मास्क तैयार किए गए हैं वह . लेयर या तीन प्लाई वाले हैं जिनकी कीमत 10 प्रति मास्क रखी गई है।
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Published on:
24 Mar 2020 09:46 pm
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