
Land acquired without compensation
करेली। समीपस्थ ग्राम लिंगा से भोंरझिर होते हुए पुरगवां तक 25.68 किलोमीटर लम्बाई की लगभग 37 करोड़ की लागत से सीमेंट क्रांक्रीट सड़क का निर्माण किया जा रहा है। जिसके लिए लगभग दो वर्ष पूर्व किसानों की जमीनों का अधिग्रहण कर लिया गया है। अधिग्रहित जमीनों का न तो अब तक किसानों मुआवजा दिया गया है और ना ही यह बताया गया है कि किस किसान की कितनी जमीन अधिग्रहित की गई है। यह निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग की देखरेख में ठेकेदार कंपनी आरपीपी इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। यह निर्माण कार्य जून 2016 से जून 2018 तक 2 वर्ष में पूर्ण किया जाना है जिसका एक वर्ष नो माह से भी अधिक समय बीत चुका है। कार्य पूर्ण करने के लिए मात्र ढाई माह का समय बाकी बचा है एवं अभी तक मात्र 15 से 20 प्रतिशत ही कार्य पूर्ण हो पाया है, यहां 5.5 मीटर की सीमेंट कांक्रीट रोड बनेगी। जिसके दोनों तरफ सवा दो-सवा दो मीटर के सोल्डर रहेंगे, जिसके लिए पुरानी सड़क को मिलाकर 50 फीट की चौड़ाई तक किसानों की जमीनों का अधिग्रहण लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व ही कर लिया गया है।
यहां के किसान रामचंद्र साहू, प्रदीप कौरव, राजेश रघुवंशी, मोहन साहू, दीपक कौरव, उत्कर्ष कटारे, शेख अरशद, जयंत कौरव, शिवराम विश्वकर्मा, लक्ष्मीनारायण कटारे, सुशील कौरव, कैलास साहू, अब्बू खान, गोविद, दीपचन्द्र साहू आदि का कहना है की इस जमीन अधिग्रहण के नापजोख के बारे में किसानों को किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी जा रही है और नही लोक निर्माण विभाग द्वारा अधिग्रहित जमीन का मुआवजा के बारे में कुछ बताया जा रहा है। यहां सड़क निर्माण के लिए जिम्मेदार लोक निर्माण विभाग की लापरवाही साफ तौर पर देखी जा सकती है ग्राम लिंगा, छीतापर, रीछा, बीतली आदि ग्रामों के किसान दिसम्बर में मुआवजे की मांग को लेकर एकत्रित भी हुए थे तब किसानों के प्रदर्शन की जानकारी लगते ही दूसरे दिवस लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर आदित्य सोनी मौके पर पहुंचे एवं विरोध दर्ज करा रहे किसानों को शांत कराने के लिए राजस्व निरीक्षक कृष्ण कुमार ठाकुर एवं पटवारी फूल सिंह मेहरा व ग्राम कोटवारों को बुलाकर नापजोख की कार्यवाही शुरू कराई गई थी एवं किसानों को जल्द से जल्द सीमांकन करवाकर मुआवजा दिलाने का आश्वासन देकर आ गए थे, परन्तु यह कार्यवाही किसानों को समझाने के लिए मात्र ओपचारिकता ही साबित हुई थी एवं अब तक स्थिति जस के तस बनी हुई है।
इन किसानों का कहना है कि नियमानुसार लोकनिर्माण एवं राजस्व विभाग को इन किसानों की जमीन अधिग्रहित करने के पूर्व विधिवत सीमांकन करवाकर किसानों को उनकी अध्रिगहित जमीन की जानकारी उपलब्ध करवाना चाहिए थी। मुआवजा वितरित किया जाना था। लेकिन अधिकारियों द्वारा अभी तक इनकी जमीनों का सीमांकन तक नहीं कराया गया है इसलिए अधिकारियों के पास यह जानकारी ही नहीं है कि किस किसान की कितनी जमीन गई है एवं बिना सीमांकन कराये ही किसानों की जमीन अधिग्रहित कर सड़क निर्माण किया जा रहा है। इन गाँव के किसान अपनी जमीन का मुआवजा पाने के लिए कलेक्टर की जन सुनवाई एवं अनुविभागीय अधिकारी गाडरवारा से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक गुहार लगा चुके हैं लेकिन इन्हें कहीं से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है। यहाँ के किसानों द्वारा उच्च न्यायालय में भी याचिका दायर की गई है।
किसानों को उनकी अधिग्रहित जमीन के सीमांकन की जानकारी व मुआवजा कब तक मिल पाएगा। इस पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारी साफ तौर पर कुछ भी कहने से कतराते रहे एवं गोलमोल जवाब देते नजर आ रहे हैं।
इनका कहना है
लिंगा से पुरगवां रोड का अभी 15 से 20 प्रतिशत काम हुआ है, वहां पर किसानों को कुछ जगहों का मुआवजा मिलेगा कुछ का नहीं मिलेगा। मुआवजे की प्रक्रिया की कार्यवाही चल रही है अभी 5-6 महीनें और लग जाएंंगे।
आदित्य सोनी, इंजीनियर लोक निर्माण विभाग नरसिंहपुर
लोकनिर्माण विभाग से इसकी जानकारी लेंगे एवं मामले की जाँच करवाकर किसानों का जो भी मुआवजा होगा। उनको वितरित करवा दिया जाएगा।
अभय वर्मा, कलेक्टर नरसिंहपुर
Published on:
11 Apr 2018 03:28 pm
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