गोटेगांवखेड़ा में स्थित अनूसूचित जाति कन्या आश्रम में रहने वाली छात्राओं को सुबह के समय नाश्ता व खाना की जगह पर सिर्फ दाल-चावल मिल रहा था। यही नहीं, बीमार होने पर उनका ठीक से इलाज भी नहीं कराया जाता था। चौकीदार ही उन्हें लेकर अस्पताल जाता था। इसे लेकर पत्रिका ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। खबर प्रकाशन के बाद व्यवस्था में कुछ सुधार तो हुआ पर अधीक्षक की मनमानी जारी रही। इसके चलते छात्राओं ने मामले की शिकायत तहसीलदार के साथ ही विधायक से की है।