20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शंकराचार्य के आशीर्वाद ने बनाया कमलनाथ को सीएम

कमलनाथ ने 13 अप्रेल 2018 को लिया था शंकराचार्य से आशीर्वाद

2 min read
Google source verification
कमलनाथ ने १३ अप्रेल २०१८ को लिया था शंकराचार्य से आशीर्वाद

kamalnath and shankaracharya

शंकराचार्य के आशीर्वाद ने बनाया कमलनाथ को सीएम, कमलनाथ ने १३ अप्रेल २०१८ को लिया था शंकराचार्य से आशीर्वाद
नरसिंहपुर। इस विधानसभा चुनाव में प्रदेश के दिग्गज नेताओं से लेकर कई बड़े नेता, मंत्री और पूर्व मंत्री संतों और गुरुओं की शरण में रहे। कई नेताओं ने शानदार विजय भी हासिल की। इनमें से सबसे बड़ा नाम कमलनाथ का है जिन्होंने चुनाव से पहले स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया और एमपी के सीएम बने। खास बात यह है कि कमलनाथ ने शंकराचार्य से १३ अप्रेल को आशीर्वाद लिया था। १३ का अंक उनके राजनीतिक जीवन में खास है।

कमलनाथ ने १३ अप्रेल २०१८ को लिया था शंकराचार्य से आशीर्वाद
पीसीसी चीफ बनने से पहले कमलनाथ नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव क्षेत्र में स्थित परमहंसी आश्रम पहुंचे थे। यहां उन्होंने महाराजश्री के मणिपुर धाम में स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया था। यहां उन्होंने राजराजेश्वरी देवी त्रिपुर सुंदरी मंदिर में विशेष पूजन अर्चन भी कराया था। जिसके बाद कमलनाथ को प्रदेश में कांग्रेस का पीसीसी चीफ बनाया गया था और उन्हें प्रदेश के चुनावी कैम्पेन की जिम्मेदारी सौंपी गई।

पूर्व उर्जा मंत्री एनपी भी रहे महाराज की शरण में
गोटेगांव विधानसभा से विधायक चुने गए पूर्व कैबिनेट मंत्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति लगातार स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती शंकराचार्य जी की शरण में रहे। टिकट फाइनल होने से पहले और मतदान के बाद तक वह लगातार शंकराचार्य का आशीर्वाद प्राप्त करते रहे । प्रजापति ने इस बार १२३८३ वोट के अंतर से इस बार गोटेगांव विधानसभा सीट जीती है। जीत के बाद उन्होंने कहा था कि शंकराचार्य महाराज और जनता के आशीर्वाद से वे विजयी हुए। जीत के बाद भी वे शंकराचार्य महाराज के पास कृतज्ञता ज्ञापित करने व आशीर्वाद प्राप्त करने गए थे। जीत के बाद उन्होंने कहा था कि शंकराचार्य महाराज और जनता के आशीर्वाद से वे विजयी हुए। जीत के बाद भी वे शंकराचार्य महाराज के पास कृतज्ञता ज्ञापित करने व आशीर्वाद प्राप्त करने गए थे।