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स्वामी विवेकानंद का आगमन संपूर्ण मानव जाति के लिए हुआ था

स्वामी विवेकानंद जी एक ऐसे ओजस्वी, उदात्त एवंं प्रेरणादायी पुरुष थे, जिनके बहुमुखी व्यक्तित्व का एक प्रमुख पहलू यह था कि उन्होंने सर्वोच्च सत्य का ज्ञान प्राप्त किया था। इस धरती पर सैकड़ों वर्षो बाद ही स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुष अवतीर्ण होते हैं।

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नरसिंहपुर. स्वामी विवेकानंद जी एक ऐसे ओजस्वी, उदात्त एवंं प्रेरणादायी पुरुष थे, जिनके बहुमुखी व्यक्तित्व का एक प्रमुख पहलू यह था कि उन्होंने सर्वोच्च सत्य का ज्ञान प्राप्त किया था। इस धरती पर सैकड़ों वर्षो बाद ही स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुष अवतीर्ण होते हैं। स्वामी विवेकानंद का आगमन संपूर्ण मानव जाति के लिए हुआ था। उक्त आशय के उद्गार नेहरू हायर सेकेंडरी स्कूल में विवेकानंद जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था प्राचार्य डॉ. एके चौबे ने की। काव्यमय संचालन करते हुए शिक्षिका सीमा दीक्षित ने विवेकानंद के जीवन, कार्यों एवं विचारों पर संक्षिप्त प्रकाश डाला। इसके बाद छात्रों राज राजपूत, राहुल लोधी,अभिषेक लोधी, सरमन ठाकुर, सुमित साइलवार, विनोद केवट, शुभम ठाकुर ने विवेकानंद पर अपनी कविताएं तथा भाषण प्रस्तुत किए। शिक्षिका शिराली श्रीवास्तव ने योग, ध्यान, प्राणायाम, सूर्य नमस्कार के बारे में जानकारी दी कि विवेकानंद का जन्मदिन युवा दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है। शिक्षक आनन्द प्रकाश श्रीवास्तव ने विश्व धर्म सम्मेलन के बारे में बताते हुए कहा कि विवेकानंद ने 1893 में शिकागो में हिंदू वेदांत दर्शन की विस्तृत व्याख्या की परंतु उनका सभी धर्मों की एकता में विश्वास था। उनके रामकृष्ण मिशन की स्थापना का उद्देश्य वेदांत धर्म का प्रचार करना, धर्मों में मित्रता स्थापित करना तथा जातिवाद के भेदभाव के बिना जनसेवा करना था। अन्य वक्ताओं ने भारत और विश्व के लिए विवेकानंद के विचारों को आज भी सामयिक बताया।
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