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जब बोवनी हो जाएगी तब आएगी रिपोर्ट

अनदेखी : अमानक बीजों व घटिया खाद की धड़ल्ले से हो रही बिक्री, किसानों को हो रहा है करोड़ों का नुकसान

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sudhir@123 shrivas

Jun 17, 2016

soybeans

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नरसिंहपुर। जिले में धड़ल्ले से नकली खाद-बीज बेचा जा रहा है। प्रदेशभर में फर्जी टैगों पर कार्रवाई की जा रही है पर जिले में कृषि विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है।अरहर, सोयाबीन की बोवनी के लिए खेत तैयार किए जाने लगे हैं। बारिश शुरू होने के पूर्व बीज और खाद की खरीदी भी तेज हो गई है। ऐसे में जिलेभर में घटिया खाद, बीज भी धड़ल्ले से बेचा जा रहा है पर कृषि विभाग मानो हाथ पर हाथ धरे बैठा है।

हर साल जिलेभर के किसान बोवनी के बाद अमानक बीजों की शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचते हैं। कृषि विभाग भी हर साल अमानक खाद-बीज बेचने पर औसतन आधा दर्जन विक्रेताओं पर प्रतिबंध लगा रहा है पर यह काम समय पर नहीं हो रहा है। बोवनी के बाद अमानक बीजों पर प्रतिबंध लगाने से न तो विक्रेताओं को कोई फर्क पड़ता है और न ही किसान के नुकसान की भरपाई होती है। भारतीय किसान संघ के जिला पदाधिकारी बताते हैं कि हर साल किसानों को अमानक खाद, बीजों के कारण करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

नहीं हो रही कार्रवाई
इस समय प्रदेश भर में बीज के फर्जी टैग लगाकर बेचने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। फर्जी टैग लगाकर बीज-खाद बेचने का कारोबार जिले में भी चल रहा है पर यहां विक्रेताओं पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। कृषि विभाग खाद-बीजो की सेंपलिंग जरूर कर रहा है पर यह काम भी तब किया जा रहा है, जब बोवनी सिर पर है। गौरतलब है कि खाद, बीजों के सेंपल की जांच की स्थानीय स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं है। खाद-बीजों के सेंपल जांच के लिए ग्वालियर की प्रयोगशाला में भेजे जाते हैं। वहां से जांच रिपोर्ट कम से कम एक माह में मिलती है। तब तक विक्रेता घटिया खाद-बीज बेच चुका होता है। किसान बीजों की बोवनी कर चुका होता है और खाद का भी उपयोग कर लिया जाता है।

जब नेगेटिव रिपोर्ट आती है तो कृषि विभाग संबंधित विक्रेता पर संबंधित खाद-बीज की बिक्री पर प्रतिबंध लगा देता है पर तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। हर साल यही खेल चल रहा है। घटिया खाद-बीज की शिकायत लेकर किसान कलेक्ट्रेट आते हैं पर उनके नुकसान की भरपाई का कोई प्रावधान ही नहीं है। अमानक बीज बिक्री पर तो प्रतिबंध लगाते हैं किसानों के करोड़ों रुपए के नुकसान के एवज में आज तक जिले के एक भी किसान को एक रुपया भी नहीं दिया गया है।

सोयाबीन में सबसे ज्यादा गड़बड़ी
जिले में सोयाबीन के बीजों में सबसे ज्यादा गड़बड़ी की शिकायतें सामने आती हैं। इसी सीजन में ही अमानत खरपतवार नाशक की भी शिकायतें की जाती हैं। हाल ये हैं कि सरकारी सोसायटियों से लिए गए खाद, बीज की भी क्वालिटी को लेकर किसान शिकायत करते हैं। कई सालों से किसानों की ऐसी शिकायतों के बाद भी उचित कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

इनका कहना है
हम सेंपलिंग तो कर रहे हैं। अभी तक खाद और बीज के ढाई-ढाई दर्जन सेंपल लिए जा चुके हैं। कुछ सेंपलों की रिपोर्ट प्राप्त भी हुई है, जिसमें कुछ गड़बड़ी नहीं पाई गई।
जितेंद्र सिंह, उपसंचालक, कृषि विभाग नरसिंहपुर

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