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समृद्ध भारत: अभी भारत में सालाना 8.25 लाख रुपए कमाने वाले 6 करोड़, 2027 तक बढ़कर हो जाएंगे 10 करोड़

The Rise of Affluent India: भारत की समृद्धि तेज गति से बढ़ रही है। भारत इस समय 12 फीसदी की तेजी से बढ़ रहा है।अच्छी बात यह है कि गरीबों की संख्या में 2.5 फीसदी की सालाना कमी आ रही है।

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Goldman Sachs report on affulent India: भारत में संपन्न लोगों यानी रईसों की संख्या अगले चार सालों में 67 फीसदी बढ़कर 10 करोड़ के पार हो सकती है जो कि 2022 में मात्र छह करोड़ थी। इसी सप्ताह जारी गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट ‘समृद्ध भारत का उभार’ में यह खुलासा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल कामकाजी उम्र वाली आबादी का लगभग चार प्रतिशत हिस्सा ही समृद्ध है यानी जिसकी प्रति व्यक्ति सालाना आमदनी 10 हजार डॉलर यानी 8 लाख 28 हजार रुपए सालाना से अधिक है। जबकि भारत की प्रति व्यक्ति आय फिलहाल 1,74,000 रुपये सालाना के करीब है। रिपोर्ट को टैक्स फाइलिंग, बैंक डिपॉजिट, क्रेडिट कार्ड और ब्रॉडबैंड कनेक्शन के आंकड़ों के आधार पर तैयार किया गया है।

रिपोर्ट के अुनसार, अगर यही रफ्तार बनी रही तो साल 2027 में इस ‘समृद्ध भारत’ में शामिल उपभोक्ताओं की संख्या 10 करोड़ हो जाएगी। रिपोर्ट में सबसे अहम खुलासा यह किया गया है कि 2019 से 2023 के बीच भारत की इस समृद्ध आबादी की संख्या 12.6 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ी है जो सभी अन्य सभी आय वर्ग की ग्रोथ इससे कम रही। कामकाजी उम्र वाली आबादी 1.4 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ी।

लग्जरी आइटम्स पर खर्च 8 से 10 गुना अधिक

रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में फिलहाल केवल 14 देश हैं जिनकी कुल आबादी 10 करोड़ से अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार भारत इस समृद्ध आबादी में सबसे तेज ग्रोथ की वजह से ही भारत में प्रीमियम कारें, घर, गहने और लग्जरी आइटम्स खरीद तेजी से बढ़ रही है और यही आबादी भारत के उपभोक्ता बाजार और वेल्थ क्रिएशन के प्रतिमान में बदलाव ला रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इन लग्जरी आइटम्स पर इस टॉप ग्रुप का प्रति व्यक्ति खर्च बाकी भारत के औसत खर्च से 8 से 10 गुना तक है।

सोना, शेयर और प्रोपर्टी में भारी निवेश

रिपोर्ट के अनुसार, ये आबादी सोने से लेकर शेयर बाजार और प्रोपर्टी में भारी निवेश कर रही है। वित्त वर्ष 2019 से 2023 के बीच इक्विटी, गोल्ड और प्रॉपर्टी की वैल्यू में इजाफा का एक बड़ा कारण भी यही समृद्ध आबादी रही है। वेल्थ बढ़ाने में सबसे बड़ा योगदान शेयर बाजार और गोल्ड का रहा। गौरतलब है कि 2023 में हर महीने भारत में 21 लाख डीमैट एकाउंट खुले हैं और अब इनकी संख्या बढ़कर 13 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘पिछले तीन वर्षों में भारतीय शेयर बाजार का मार्केट कैप 80 प्रतिशत से अधिक बढ़ा। 2020-23 के बीच गोल्ड का दाम 63 प्रतिशत बढ़ा। इसके चलते इक्विटी और गोल्ड में भारतीयों की कुल होल्डिंग की वैल्यू 149 लाख करोड़ से बढ़कर 223 लाख करोड़ रुपए हो गई। 2019 से 2023 के बीच प्रॉपर्टी की वैल्यू 30 प्रतिशत से अधिक बढ़ी। जबकि वित्त वर्ष 15-19 में 13 प्रतिशत का ही इजाफा हुआ था। रिपोर्ट के अनुसार भारतीयों के पास मौजूद सोने का मूल्य 2019 से 23 के बीच 63 फीसदी बढ़कर 1.8 लाख करोड़ डॉलर हो चुका है।

भारतीयों के पास 25 हजार टन सोना

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि दुनिया में जितना फिजिकल गोल्ड है, उसका लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा भारतीय परिवारों के पास है यानी इनके पास लगभग 25 हजार टन सोना है। 2019 से 2023 के बीच इसकी वैल्यू 91 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 149 लाख करोड़ रुपये हो गई। ‘समृद्ध भारत’ की दौलत बढ़ाने में इसका बड़ा योगदान रहा।

4 करोड़ लोग करते हैं हर साल हवाई यात्रा

2023 तक के आंकड़ों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में करीब 4 करोड़ लोग हर साल एयर ट्रैवल करते हैं और 2 करोड़ 60 लाख इंटरनैशनल ट्रैवलर हैं। ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने वाले तीन करोड़ मंथली यूजर हैं और देश में तीन करोड़ ब्रॉडबैंड कनेक्शन हैं।

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