
नई दिल्ली। उत्तराखंड ( Uttarakhand ) के चमोली जिले में सोमवार को हुए भूस्खलन ( Chamoli Landslide ) के बाद हड़कंप मच गया था। इस भूस्खलन के चलते गांव में करीब 200 लोग फंस गए थे। लैंडस्लाइड की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया।
मंगलवार सुबह तक सभी 200 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक, ये सभी रैनी गांव के पास तामस इलाके के निवासी थे। वहीं एक अन्य भूस्खलन से जोशीमठ-मलारी हाईवे पर दस दिन से बंद होने के कारण फंसे 280 व्यक्तियों की भी सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित कर दी गई है।
उत्तराखंड के चमोली भूस्खलन में फंसे सभी 200 लोगों को एसडीआरएफ की टीम ने बचाव कार्य के तहत सुरक्षित निकाल लिया है।
प्रशासन को जैसे ही इसकी सूचना मिली बचाव टीम का दस्ता मौके पर पहुंच गया। तुरंत लोगों को सहायता पहुंचाई गई। कई घंटों के ऑपरेशन के साथ अब रैनी गांव के पास तामस इलाके में फंसे सभी 200 लोगों को बचा लिया गया है।
बता दें कि पहाड़ों पर लगातार बारिश की वजह से भूस्खलन की घटनाएं तेजी से सामने आ रही हैं।
हेलिकॉप्टर से चला रेस्क्यू ऑपरेशन
जोशीमठ-मलारी हाईवे तमक के पास मलखुड़ा 10वें दिन भी बंद रहा। यहां पहले आए भूस्खलन के चलते आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई थी, जिसके चलते 280 लोग फंस गए थे। एसडीआरएफ बीआरओ ने भूस्खलन जोन के नीचे धौलीगंगा किनारे 1500 मीटर पगडंडी के सहारे 250 फंसे व्यक्तियों को पार कराया। इसके अलावा लाता और मलारी में हेली रेस्क्यू के जरिए 30 अन्य नागरिकों को उनके गंतव्य तक छोड़ा गया।
बता दें कि फंसे नागरिकों के लिए हेलिकॉप्टर ने सोमवार को सात चक्कर लगाए। लाता और मलारी से हेली रेस्क्यू में 22 नागरिकों को जोशीमठ से मलारी और आठ लोगों को मलारी से जोशीमठ ले जाया गया।
Published on:
24 Aug 2021 09:45 am
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