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निठारी सीरियल हत्याकांड में दोषी ठहराए गए सुरेंद्र कोली को सुप्रीम कोर्ट ने किया बरी, कहा- तुरंत रिहा करो, अगर…

सबूतों की कमी और जांच की खामियों के कारण 2006 के निठारी सीरियल हत्याकांड मामले में दोषी ठहराए गए सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया गया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को किया बरी। (फोटो- ANI)

सुप्रीम कोर्ट ने 2006 के निठारी सीरियल हत्याकांड मामले में दोषी ठहराए गए सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया है। कोर्ट ने उसकी दोषसिद्धि को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगर वह किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है, तो उसे तुरंत रिहा किया जाए।

एडवोकेट ने क्या कहा?

एडवोकेट युग मोहित चौधरी ने कहा- इस मामले में सुरेंद्र कोली को मौत की सजा सुनाई गई थी। वह उन्नीस साल से यह सजा काट रहे थे। वह पूरी तरह से निर्दोष थे।

वह कई बार अदालत में पेश हुए। कई अदालतों ने उन्हें दोषी ठहराया और मौत की सजा बरकरार रखी। आज सुप्रीम कोर्ट ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए क्यूरेटिव पिटीशन में उसे बरी कर दिया है।

क्या है मामला?

बता दें कि निठारी सीरियल हत्याकांड भारत के सबसे शॉकिंग अपराधों में से एक है, जो 2005-2006 में नोएडा के निठारी गांव में हुआ था। नोएडा के निठारी गांव में मोनिंदर सिंह पंढेर के घर के पीछे एक नाले से बच्चियों और महिलाओं की खोपड़ियां और हड्डियां मिलीं।

शुरुआत में स्थानीय पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन जब मामला मीडिया में आया, तो जांच सीबीआई को सौंपी गई। सुरेंद्र कोली (पंढेर का घरेलू नौकर) और मोनिंदर सिंह पंढेर (घर का मालिक) को गिरफ्तार किया गया।

क्या था आरोप?

आरोप था कि कोली और पंढेर ने मिलकर गरीब परिवारों के बच्चियों और महिलाओं का अपहरण किया, उनके साथ बलात्कार किया, फिर उनकी हत्या की, और शरीर के अंगों को ठिकाने लगा दिया।

कुल 19 मामले दर्ज हुए, जिनमें ज्यादातर 10-15 साल की लड़कियां थीं। 2010 में कोली और पंढेर को कई मामलों में मृत्युदंड दिया गया।

2023 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपर्याप्त सबूत के कारण कोली और पंढेर को 12 मामलों में बरी कर दिया। मोनिंदर सिंह पंढेर को 2023 में ही रिहा कर दिया गया था।