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साल 2021 में मोदी सरकार द्वारा लिए गए 5 अहम फैसले

साल 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिसने देश की राजनीति की दशा-दिशा बदलने का काम किया है। इस साल मोदी सरकार के लिए कुछ विषम परिस्थितियां भी सामने आयी। उदाहरण के लिए कोविड-19 की दूसरी लहर, LAC पर चीन के साथ सीमा पर गतिरोध और तीनों कृषि कानूनों का वापस लेना। नजर डालते हैं केंद्र सरकार द्वारा इस साल लिए गए पांच अहम फैसलों पर-

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COVID-19 का मुफ्त वैक्सीन
2021 के मध्य में पूरा देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा था। सरकार ने पहले देश के 40 की उम्र तक के वैक्सीनेशन और उसके बाद 18 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों के लिए वैक्सीन देने का निर्णय लिया। वैक्सीनेशन सेंटर पर मनमर्जी खरीद-फरोख्त एवं कथित कमी के कारण इस अभियान में एक समय थोड़ा बहुत ढीलापन आ गया था। लेकिन इसके बाद 7 जून 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि केंद्र सरकार सभी जनता को 21 जून से मुक्त टीके उपलब्ध कराएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा केंद्र सरकार टीका निर्माताओं से 75 प्रतिशत टीका खरीदेगा और राज्य सरकारों को मुफ्त में वैक्सीन उपलब्ध करवाएगा।

सात नई रक्षा कम्पनियां
अक्टूबर माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी की 41 ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड को भंग कर दिया गया है, और उसकी संपत्ति, कर्मचारियों और प्रबंधन को सात सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के हवाले कर दिया गया है। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सेंट्रल गवर्नमेंट ने पिछले वर्ष 16 मई को घोषणा की थी कि वह ओएफबी के निगमीकरण द्वारा आयुध आपूर्ति में स्वच्छता जवाबदेही और दक्षता में व्यापक सुधार करेगी। 28 दिसंबर को रक्षा मंत्रालय ने एक आदेश में कहा भारत सरकार ने एक अक्टूबर 2021 से तत्काल प्रभाव के साथ इन 41 उत्पादन यूनिट को गैर उत्पादन इकाइयों का प्रबंधन, नियंत्रण, कागज, रखरखाव इन सात सरकारी कंपनियों को सौंपने का फैसला किया है।

गति शक्ति योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 15 अगस्त को अपने संबोधन में 100 लाख करोड़ की अति महत्वाकांक्षी गति शक्ति नेशनल योजना की घोषणा करते हुए बताया कि इस योजना से विभिन्न मंत्रालयों के बीच गतिरोध खत्म होगा और आपसी तालमेल बढ़ेगा| जिसके चलते औद्योगिक गतिविधियों को तेज रफ्तार में बढ़ावा भी मिलेगा। गति शक्ति प्रोजेक्ट से भारत के लिए बड़े पैमाने पर आर्थिक संपत्तियां खड़ी हो जाएंगी। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में कम समय लगेगा और संसाधनों की बर्बादी भी कम होगी।

I-T Rule 2021
केंद्र सरकार ने 25 फरवरी 2021 को नए आईटी नियम बनाएं जिससे Over The Top ( OTT ) प्लेटफार्म और डिजिटल पोर्टल के लिए शिकायत निवारण प्रणाली बनाना अनिवार्य हो गया है। नियमों ने 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं वाले बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए हर महीने एक अनुपालन रिपोर्ट प्रकाशित करना और उनके आधार पर कार्रवाई करना आवश्यक कर दिया है। इस कारण से केंद्र और कुछ ऑनलाइन पोर्टल के बीच थोड़ा गतिरोध भी पैदा हुआ। उनका कहना है कि नए नियम अवैध और असंवैधानिक हैं। लेकिन केंद्र सरकार इस गतिरोध से बिल्कुल नहीं डिगा। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि इस कानून का पालन तो सभी को करना ही होगा।

तीनों कृषि कानून वापस लेना
साल 2020 के नवंबर से ही हजारों- हजार की संख्या में मुखयतः पंजाब और हरियाणा के किसान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली और उसके आसपास के बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। मोदी सरकार द्वारा किए गए तमाम प्रयासों के बावजूद प्रदर्शनकारी किसान अपनी मांग पर अड़े रहे और सरकार की हर अपील को नकारते हुए सड़क पर धरना जारी रखा। अंत में मोदी सरकार ने 19 नवंबर 2021 को तीनों कृषि कानून वापस लेने का निर्णय लिया और किसानों के द्वारा जारी आंदोलन पर विराम लगाया।

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