
हरियाणा में अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। लोकसभा चुनाव में बेटी को टिकट नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस विधायक किरण चौधरी व उनकी बेटी पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने सभी समर्थकों को दिल्ली में पहुंचने के निर्देश दिए हैं।
बेटी के लिए मांग रही थी लोकसभा का टिकट
बता दें कि किरण अपनी बेटी श्रुति के लिए भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस से टिकट मांग रही थी, मगर पार्टी ने उनकी जगह महेंद्रगढ़ से कांग्रेस विधायक राव दान सिंह को टिकट दिया, जिसके चलते किरण चौधरी का पार्टी से ही आंतरिक टकराव हो गया था। जिसके बाद किरण ने हाथ का साथ छोड़ने का फैसला कर लिया। वह बुधवार को दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में भाजपा में शामिल होंगी। इस दौरान सीएम नायब सिंह सैनी व केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल भी मौजूद रह सकते हैं।
कांग्रेस को जागीर की तरह चलाया जा रहा है- किरण चौधरी
कांग्रेस अध्यक्ष को भेजे अपने इस्तीफे में किरण चौधरी ने कहा, "मैं कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं. मैं चार दशकों से कांग्रेस की वफादार सदस्य रही। मैंने अपना जीवन पार्टी और लोगों को समर्पित किया जिनके लिए मैं खड़ी रही हूं। हरियाणा में मैं स्वर्गीय बंसी लाल लाल और आधुनिक हरियाणा के शिल्पकार स्वर्गीय पति सुरेंद्र सिंह की विरासत का भी प्रतिनिधित्व करती हूं। हालांकि, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी को व्यक्तिगत जागीर के रूप में चलाया जा रहा है, जिसमें मेरी जैसी ईमानदार आवाजों के लिए कोई जगह नहीं है, जिन्हें बहुत सुनियोजित और व्यवस्थित तरीके से दबाया गया और अपमानित किया गया, व्यवस्थित तरीके से साजिश रची गई।"
अपमान झेलने की सीमा होती है- श्रुति चौधरी
अपने इस्तीफे में श्रुति चौधरी ने लिखा, "हरियाणा में कांग्रेस पार्टी दुर्भाग्य से एक व्यक्ति-केंद्रित हो गई है जिसने अपने स्वार्थी के हितों के लिए पार्टी के हित से समझौता किया है। इसलिए अब मेरे लिए आगे बढ़ने का समय है ताकि मैं अपने लोगों के हितों को बनाए रख सकूं और वे मूल्य जिनके लिए मैं खड़ी हूं। अपमान झेलने की भी सीमा होती है।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने किया है बेहतर प्रदर्शन
बता दें कि इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने हरियाणा में अच्छा प्रदर्शन किया था, और दो बार से लगातार दस सीटें जीतने वाली बीजेपी को इस बार 5 सीटों पर समेट कर बराबरी कर ली थी, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले अब पार्टी की अंदरूनी कलह उसके लिए मुसीबत बनती नजर आ रही है।
Published on:
18 Jun 2024 08:30 pm
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