जानकारी के मुताबिक 6 सितंबर को बिहार में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम आएगी। टीम बाढग्रस्त इलाकों का दौरा कर आपदा प्रबंधन विभाग संग बैठक करेगी। ये नदियां बनी परेशानी
आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि राज्य के 15 जिलों के 83 प्रखंडों की कुल 394 पंचायतें बाढ़ से आंशिक या पूर्ण रूप से प्रभावित हैं। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के प्रमुख नदियां गंडक (gandak) , कोसी (kosi), बागमती (bagmati), बूढ़ी गंडक, कमला बलान, गंगा (ganga), महानंदा नदी अभी भी कई स्थानों पर खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं।
यही वजह है कि पटना के अलावा वैशाली (flood in vaishali), मुजफ्फरपुर, दरभंगा (flood in darbhanga) , खगड़िया, सहरसा, भागलपुर (flood in bhagalpur) , सारण, कटिहार, मुंगेर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज (fllood in gopalganj), मधेपुरा, समस्तीपुर जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। इन जिलों में बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ (NDRF) की 17 और एसडीआरएफ (SDRF) की 12 टीमों को लगाया गया है।
बाढ़ में कई लोग हुए लापता जानकारी के मुताबिक राज्य की 20 लाख की आबादी बाढ़ (flood in bihar) से प्रभावित है। वहीं 53 लोगों की मौत भी हो चुकी है और कुछ लोग लापता भी हैं, जिनकी तलाश की जा रही ह। विभाग के अनुसार अब तक 7,95,538 बाढ़ प्रभावित परिवारों को अनुग्राहिक राहत राशि (GR) प्रति परिवार 6000 रुपए की दर से कुल 477.32 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
बाढ़ के चलते बिहार में ट्रेनों का परिचालन भी प्रभावित हुआ है। दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर हायाघाट एवं थलवारा स्टेशन के बीच रेल पुल के निकट बढ़ते जलस्तर के कारण दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर चलने वाली कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, जबकि ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किए गए है। बताया गया कि रविवार को चलने वाली 9 ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया गया है। वहीं इस मार्ग से चलने वाली 16 ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन कर दिया गया है।