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8-10 एयरबेस हमेशा हर चुनौती के लिए तैयार: IAF प्रमुख ने बताया युद्ध-तैयारी का राज

वायुसेना प्रमुख ने IAF की सतर्कता का खुलासा करते हुए कहा, युद्ध न होने पर भी 8-10 एयरबेस पर हमेशा 2-4 विमान किसी भी घुसपैठिए को रोकने के लिए तैयार रहते हैं।

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Air Chief Marshal AP Singh

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह (Photo-IANS)

Air Chief Marshal A.P. Singh: वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने शुक्रवार नई दिल्ली के महाराजा अग्रसेन कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए भारतीय वायुसेना (IAF) की ताकत और तैयारियों का जिक्र किया। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में निरंतर निवेश और कठिन प्रशिक्षण की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि देश की सुरक्षा सशस्त्र बलों और पुलिस की सतर्कता पर टिकी है। उन्होंने कहा, हमारी सीमाएं, चाहे बाहरी खतरे हों या आंतरिक, रक्षा बलों और पुलिस के कारण सुरक्षित हैं। इसे खर्च का बोझ नहीं, बल्कि जरूरत मानना चाहिए।

निवेश से बढ़ी भारत की हवाई ताकत

एयर चीफ मार्शल सिंह ने भारत की रक्षा क्षमताओं में वृद्धि पर प्रकाश डाला और कहा कि सरकार के निरंतर निवेश के कारण आज भारत दुनिया के किसी भी देश के बराबर खड़ा है। उन्होंने कहा, हम न केवल दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बलों से सीखते हैं, बल्कि उन्हें सिखाते भी हैं। सरकार द्वारा नए हथियारों और प्रणालियों की नियमित खरीद ने वायुसेना को और मजबूत किया है। यह निवेश न केवल युद्धक क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि शांति के समय में भी सतर्कता बनाए रखता है।

मानवीय सहायता में IAF की भूमिका

वायुसेना प्रमुख ने IAF की मानवीय भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान आपने हमारे हेलिकॉप्टरों को खाना पहुंचाते, लोगों को निकालते और सहायता सामग्री वितरित करते देखा होगा। जब भी नागरिक प्रशासन अनुरोध करता है, IAF तुरंत कार्रवाई करती है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि देश की हवाई रक्षा वायुसेना की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

ऑपरेशन सिंदूर: दुश्मन को करारा जवाब

हाल के 'ऑपरेशन सिंदूर' का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि दुश्मन को करारा जवाब देना वायुसेना का कर्तव्य है। उन्होंने जोर दिया, शांति में जितना पसीना बहाएंगे, युद्ध में उतना कम खून बहेगा। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए IAF में कठिन प्रशिक्षण और व्यावहारिक अभ्यासों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि 1.6 लाख कर्मियों वाली यह सेना, जूनियर कर्मचारियों से लेकर प्रमुख तक, हर स्तर पर योगदान देती है।

हर पल सतर्क, हर चुनौती के लिए तैयार

वायुसेना प्रमुख ने IAF की सतर्कता का खुलासा करते हुए कहा, युद्ध न होने पर भी 8-10 एयरबेस पर हमेशा 2-4 विमान किसी भी घुसपैठिए को रोकने के लिए तैयार रहते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि वायुसेना हर समय पूरी तरह सुसज्जित और सतर्क है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण एक सतत प्रक्रिया है, जो सैनिकों को हर चुनौती के लिए तैयार रखती है।

रक्षा निवेश का महत्व

सिंह ने रक्षा बजट को बोझ न मानने की अपील की और कहा कि यह देश की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है। उन्होंने सरकार की उस नीति की सराहना की, जो नए हथियारों और प्रणालियों के अधिग्रहण को प्राथमिकता देती है। यह निवेश भारत को वैश्विक स्तर पर रक्षा क्षेत्र में अग्रणी बनाता है।