
SIR (photo source- Patrika)
पश्चिम बंगाल में SIR पर विवाद जारी है। वोटर ड्राफ्ट रोल तैयार हो चुका है। 58 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम कटे हैं। जिन लोगों के नाम कट गए हैं। वह काफी परेशान हैं। पुरुलिया के 82 साल के बुजुर्ग SIR हियरिंग से कुछ ही घंटे पहले चलती ट्रेन के सामने कूद गए।
बुजुर्ग के बेटे ने इस मामले में देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी मनोज अग्रवाल और चुनाव आयोग के दूसरे अधिकारियों पर पिता को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। वहीं, ईस्ट मिदनापुर में एक 75 साल के रिटायर्ड सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉई की हियरिंग नोटिस मिलने पर कथित तौर पर सुसाइड कर लिया।
रिटायर्ड अधिकारी दुर्जन माझी के बेटे पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनके पिता का नाम 2002 बंगाल SIR रोल में था, लेकिन EC की वेबसाइट पर अपलोड की गई 2002 SIR लिस्ट से गायब हो गया, जिसके कारण उन्हें हियरिंग नोटिस भेजा गया। पूर्वी मिदनापुर के रामनगर में 75 साल के बिमल शी को भी SIR को लेकर सुनवाई का नोटिस मिला था। इसके बाद वह भी अपने घर की अटारी में फंदे से लटके हुए मिले। उनके परिजनों ने कहा कि 2002 के SIR में उनका नाम नहीं था, क्योंकि वह उस समय कोलकाता में तैनात थे।
मृतक के बेटे दीपक माझी ने कहा कि मेरे पिता 2002 के बाद स्थायी रूप से रामनगर वापस आ गए थे और तब से नियमित रूप से वोट दे रहे थे। सभी दस्तावेज घर पर थे, लेकिन वे बहुत परेशान थे। उन्होंने पिछले चार दिन कागजात खंगालने में बिताए, इस डर से कि कुछ गलत हो गया है। हमने कभी नहीं सोचा था कि वे ऐसा कदम उठाएंगे।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 72 साल के बंगाली कवि और उपन्यासकार जॉय गोस्वामी का नाम वोटर लिस्ट से कट गया। उन्हें 2 जनवरी को हियरिंग के लिए पेश होने को कहा गया है। इसके बाद चुनाव की भारी फजीहत हो रही है। जॉय गोस्वामी को साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।
EC ने 27 दिसंबर को एक नोटिफिकेशन में कहा था कि 1.3 लाख ऐसे वोटर्स, जिनके नाम 2002 के फिजिकल SIR रोल में हैं, लेकिन टेक्निकल गड़बड़ी की वजह से EC के ऑनलाइन डेटाबेस में नहीं दिख रहे हैं, उन्हें सुनवाई के लिए पेश नहीं होना पड़ेगा।
वहीं, चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल रोल के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान नोटिस जारी होने के बाद नाम हटाने और जोड़ने को लेकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन को तेज और आसान बनाने को कहा है। चुनाव आयोग ने राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिला चुनाव अधिकारियों (DEO) को ECINET पर डॉक्यूमेंट मिलने के दिन से पांच दिनों के भीतर ऐसे सभी डॉक्यूमेंट को वेरिफाई कराने होंगे।
Published on:
31 Dec 2025 08:52 am
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