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पद्मश्री पुरस्कारों से सम्मानित कलाकारों से सरकार खाली करा रही बंगले, 91 साल के पद्मश्री मायाधर राउत का सड़क पर पड़ा मिला सामान

मोदी सरकार 1970 के दशक में कलाकारों को एशियाड गांव में आवंटित किए गए सरकारी बंगलो को खाली कराना शुरू कर दिया है। दक्षिण दिल्ली के खेलगांव में रह रहे 91 वर्षीय उड़िया नर्तक और पद्मश्री सम्मान से सम्मानित गुरु मायाधर राउत के सरकारी बंगले को खाली करा लिया गया।

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पद्मश्री पुरस्कारों से सम्मानित कलाकारों से सरकार खाली करा रही बंगले, 91 साल के पद्मश्री मायाधर राउत का सड़क पर पड़ा मिला सामान

पद्मश्री पुरस्कारों से सम्मानित कलाकारों से सरकार खाली करा रही बंगले, 91 साल के पद्मश्री मायाधर राउत का सड़क पर पड़ा मिला सामान

केंद्र ने उन कलाकारों को उनके आवास से बेदखल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है जिन्हें 1970 के दशक में खेल गांव में किराए पर सरकारी बंगला आवंटित किया गया था। इनमें कई पदमा और संगीत नाटक एकेडमी पुरस्कार प्राप्त लोगों के नाम शामिल हैं। जिन लोगों को बंगला खाली करना है उनमें 91 वर्षीय ओडिसी नृत्य कलाकार गुरु मायाधार राउत का भी नाम है। मंगलवार को उनके घर पहुंचे अधिकारियों ने उनका सामान उठाकर घर से बाहर कर दिया।

आने वाले दिनों में 8 अन्य कलाकारों के बंगले भी खाली कराए जाने हैं, जिन्हें वर्षों पहले यह सरकार की तरफ से आवंटित किया गया था, लेकिन 2014 में रद्द कर दिया गया था। दिल्ली के खेलगांव में आर्टिस्ट कोटे से आवंटित किए गए कई घरों को खाली कराने का कोर्ट ने आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक केंद्र सरकार ने आवास खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कोर्ट के आदेश के बाद सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाई से कलाकार मायूस हैं।

तो वहीं ओडिसा नृत्य कलाकार गुरु मायाधार राउत, जिन्हें 2010 में राष्ट्रपति की ओर से ओडिसी नृत्य को शास्त्रीय संगीत का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाने के लिए पदम श्री से सम्मानित किया गया था, जो की देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है, को बंगला खाली करने के लिए मजबूर होना पड़ा। राउत ने घर खाली कराने आए अधिकारियों पर पर्याप्त समय ना देने का आरोप लगया है तो वहीं सरकार ने भी इस आरोप पर सफाई दी है।

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 28 कलाकारों में से अभी भी लगभग 8 ऐसे हैं, जो कई नोटिसों के बावजूद सरकारी आवास को खाली नहीं कर रहे हैं। अधिकारी ने पीटीआई को बताया, "इन आठ कलाकारों ने हमें आश्वासन दिया कि वे अपने बंगले खाली करने की प्रक्रिया में हैं और कुछ और दिनों की मांग की है। उन्होंने हमें लिखित दिया है कि वे 2 मई तक सुविधाएं खाली कर देंगे और हमने उन्हें तब तक का समय दिया है।"

बता दें, 1970 के दशक में 40 से 70 आयु वर्ग के कलाकारों को बेहद कम किराए पर सरकार की ओर से 3 साल के कॉन्ट्रैक्ट आधार पर घर आवंटित किए गए थे। इन कॉन्ट्रैक्ट को हर 3 साल की अवधि के बाद तब से लगातार बढ़ाया जा रहा था। 2014 के बाद सभी कलाकारों के कॉन्ट्रैक्ट की अवधि को नहीं बढ़ाया गया है जिसके बाद कलाकारों पर घर खाली करने का दबाव बढ़ता जा रहा था।

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आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने उन्हें 2020 में इन घरों को खाली करने के लिए नोटिस जारी किया था। कथक के दिवंगत प्रतिपादक बिरजू महाराज, ध्रुपद प्रतिपादक वसीफद्दीन डागर, कुचिपुड़ी गुरु जयराम राव और मोहिनीट्टम के प्रतिपादक भारती शिवाजी सहित कई कलाकारों ने अदालत का रुख किया था।

दिल्ली उच्च न्यायालय के एक निर्देश के अनुसार, मानवीय आधार पर सभी लोगों को घर खाली करने के लिए 25 अप्रैल 2022 तक का समय दिया गया था। 28 में से 17 कलाकार घर खाली कर चुके हैं जबकि बाकी बचे आने वाले दिनों में खाली करने वाले हैं।

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